भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाने वाले विजय रुपानी ने रविवार (7 अगस्त) को एक बड़े समारोह में गुजरात के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नितिन पटेल ने उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ग्रहण की। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही विवाद शुरू हो गए, जब पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की कैबिनेट में शामिल रहे नौ मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। इनमें से कुछ नाम ऐसे हैं जो आनंदीबेन के वफादार माने जाते थे। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुपानी और उनकी टीम के अन्य सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि वे राज्य के ‘विकास की यात्रा जारी रखेंगे।’ शपथ ग्रहण समारोह में शीर्ष भाजपा नेता शामिल हुए।

राज्यपाल ओपी कोहली ने 60 वर्षीय रुपानी व पटेल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नितिन पटेल सहित कैबिनेट स्तर के आठ मंत्रियों और 16 राज्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद में इस समय 25 लोग शामिल हैं। गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में पहली बार उपमुख्यमंत्री का पद गठित किया गया है।

शपथग्रहण समारोह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन सहित शीर्ष पार्टी नेताओं की मौजूदगी में आयोजित किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी इस अवसर पर अन्य हस्तियों के साथ मौजूद थे। शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही विवाद पैदा हो गए।

पूर्व गृह राज्य मंत्री रजनीभाई पटेल और महिला व बाल विकास मंत्री वासुबेन त्रिवेदी को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का वफादार माना जाता है। रुपानी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए गए अन्य मंत्रियों में वित्त मंत्री सौरभ पटेल, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री रमनलाल वोरा और विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री गोविंद पटेल शामिल हैं। पद छोड़ने की पेशकश संसदीय दल द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद आनंदीबेन पटेल ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था।

अगले साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने राज्य मंत्रिपरिषद में आठ पटेल नेताओं, आठ ओबीसी, तीन क्षत्रिय, दो जनजाति समुदाय और एक-एक ब्राह्मण, जैन, सिंधी और दलित समुदायों के मंत्री बनाकर जातिगत समीकरणों में संतुलन बनाने की कोशिश की है। सभी क्षेत्रों – सौराष्ट्र, उत्तर, दक्षिण व मध्य गुजरात – के नेताओं को मंंत्रिपरिषद में प्रतिनिधित्व देने की भी कोशिश की गई है। कैबिनेट में सिर्फ एक महिला निर्मला वाधवानी को शामिल किया गया है। निर्मला नरोदा से विधायक हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूपानी व उनकी टीम के सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘विजयरूपानी, नितिनभाई पटेल और शपथ लेने वाले अन्य सदस्यों को बधाई जिन्होंने गुजरात की विकास यात्रा को जारी रखने के लिए अपनी पारी शुरू की है।’ प्रधानमंत्री ने एक अलग ट्वीट में आनंदीबेन पटेल की सेवाओं की भी सराहना की जिन्होंने बुधवार को शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। मोदी ने कहा, ‘मैं आनंदीबेन पटेल की समर्पित सेवा की सराहना करता हूं जो कई वर्षों से गुजरात के लोगों के लिए अथक रूप से काम करती रही हैं।’