गुजरात के पोरबंदर से भाजपा सांसद विट्ठल रादड़िया ने मंगलवार को मांग की कि जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) पर 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बदलवाने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर से लगाई गई पाबंदी तुरंत वापस ली जाए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। वहीं, पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी इस कदम की निंदा की।

राजकोट जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष पद भी संभाल रहे रादड़िया ने रविवार को आरबीआइ की ओर से गुजरात स्थित डीसीसीबी पर लगाई गई उन बंदिशों की निंदा की जिनमें कहा गया कि ऐसे बैंक 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट न तो स्वीकार कर सकते हैं और न ही बदल सकते हैं। भाजपा सांसद ने दावा किया कि आरबीआइ की ओर से लगाई गई बंदिश से ऐसे किसानों और ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो ऐसे ग्रामीण बैंकों पर निर्भर हैं। रादड़िया ने कहा, ‘यह आरबीआइ की ओर से रातोंरात लिया गया एक मनमाना फैसला है। डीसीसीबी पर लगाई गई बंदिश ग्रामीणों और किसानों के अधिकार छीनने जैसा है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर बैंक गांवों में काम करते हैं। मैं इस फैसले की निंदा करता हूं।’

आरबीआइ ने गुजरात की सभी डीसीसीबी को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट लोगों से स्वीकार करने या बदलने से इनकार कर दिया है। देश के केंद्रीय बैंक ने रविवार को गुजरात के सभी 18 डीसीसीबी को ई-मेल के जरिए एक सर्कुलर भेजकर कहा था कि वे 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट न तो लोगों से स्वीकार करें और न ही बदलें। रादड़िया ने कहा कि इस कदम से हजारों किसान और ग्रामीण गहरी मुश्किल में हैं। रादड़िया ने कहा, ‘मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस बाबत ज्ञापन सौंपा है। यदि तत्काल कोई फैसला नहीं किया गया तो लोगों के पास जनांदोलन शुरू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रहेगा और सरकार को इसके नतीजे भुगतने होंगे।’

भाजपा नेता और राज्य सहकारी बैंकों के राष्ट्रीय महासंघ (एनएएफ-एससीओबी) के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने मंगलवार को आज इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की। संघानी ने दिल्ली से बताया, ‘कल तक सिर्फ गुजरात के डीसीसीबी को पुराने नोट स्वीकार करने से रोका गया था। लेकिन अब देश के ऐसे सारे बैंकों को इस दायरे में लाया गया है। मैंने आज इस मुद्दे पर गंगवारजी से मुलाकात कर उन्हें लोगों की समस्याओं से अवगत कराया है। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बाबत कोई सकारात्मक फैसला लेगी।’  इस बीच, पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी बयान जारी कर आरबीआइ के इस कदम की निंदा की है। हार्दिक ने अपने बयान में दावा कियाकि यदि तीन दिन में फैसला वापस नहीं लिया गया तो जनांदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि वह नतीजे भुगतने को तैयार रहे।

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