Manoj Tiwari vs Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात के ऑटो चालकों से कई वादे किए। इस दौरान वो ऑटो में बैठकर ऑटो चालक के घर खाना खाने भी गए। जिसको लेकर अब बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैं गुजरात बहुत जल्द आऊंगा, तब आप लोगों को बताऊंगा कि केजरीवाल कितना बड़ा बहरूपिया है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने मंगलवार (13 सितंबर, 2022) को एक वीडियो जारी करते हुए कहा, ‘मैं गुजरात के अपने सभी ऑटो चालक भाइयों से यह निवेदन करता हूं कि आप दिल्ली में किसी ऑटो चालक को जानते हैं तो उनको फोन करिए। उनसे जरूर पूछिए कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के ऑटो चालकों से जो वादे किए थे, क्या उसका कुछ अंश भी पूरा किया। उन्होंने कहा कि आपको जवाब मिलेगा कि कोई भी वादा पूरा नहीं किया, जबकि दिल्ली के ऑटो चालकों के साथ वादों की पूरी झड़ी लगी हुई है।
अरविंद केजरीवाल गुजरात में जाकर नाटक करते हैं मुझे सिक्योरिटी नहीं चाहिए: मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के ऑटो चालकों को एक नया लाइसेंस लेने के लिए भारी रिश्वत देनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ जानने के बाद आपको आश्चर्य होगा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली और पंजाब से हाई सिक्योरिटी लेकर गुजरात में नाटक करते हैं कि हमें सिक्योरिटी नहीं चाहिए। बीजेपी सांसद ने कहा कि 2013 के बाद से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के ऑटो चालकों से एक भी वादा पूरा नहीं किया है। अब सिर्फ और सिर्फ नाटक करते हैं।
भाजपा सांसद ने अपने गुजरात दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि मैं बहुत जल्द गुजरात आ रहा हूं और आप सभी लोगों को बताऊंगा कि यह (अरविंद केजरीवाल) कितना बड़ा बहरूपिया है। इन्होंने किस प्रकार दिल्ली को तार-तार करके लूटने का काम किया है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया देखने को मिली। अनिल अरोड़ा नाम के एक यूजर ने मनोज तिवारी से पूछा, ‘तुमने क्या किया दिल्ली वालों के लिए, तुम लोगों से सिर्फ बातें करवा लो।
बता दें, सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के ऑटो चालकों से कई तरह के वादे किए। उन्होंने ऑटो चालकों से कि वे दिल्ली की तरह यहां भी अपने यात्रियों के बीच और सोशल मीडिया के माध्यम से ‘आप’ का प्रचार करें। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार ने कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान लगभग 1.5 लाख चालकों को दो बार पांच-पांच हजार रुपए का भुगतान किया था।