गुजरात में आगामी निकाय चुनाव के तीन उम्मीदवारों का सोमवार को पर्चा खारिज कर दिया गया। यह ऐक्शन उस प्रावधान के तहत हुआ, जिसमें दो से अधिक जीवित जैविक बच्चे होने पर कैंडिडेट अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। Vadodara Municipal Corporation (VMC) के वॉर्ड नंबर-15 के चुनाव अधिकारी ने दीपक श्रीवास्तव का नामांकन रिजेक्ट कर दिया, जो कि दो बार नगर सेवक रहे हैं। साथ ही BJP विधायक मधु श्रीवास्तव के पुत्र हैं।

दीपक ने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया था। हालांकि, उन्होंने इससे पहले बीजेपी से टिकट मांगा था, पर उन्हें मना कर दिया गया था। उनके तीन बच्चे हैं, जिसमें एक उनके पिता द्वारा चुनाव की घोषणा से कुछ रोज पहले ही “गोद लिया” गया था।

सोमवार सुबह भाजपा उम्मीदवार आशीष जोशी ने दीपक की उम्मीदवारी पर आपत्ति जताई। उन्होंने दावा किया कि दीपक ने गलत हलफनामा जमा किया है, जिसमें उन्होंने सिर्फ दो ही बच्चों का जिक्र किया और यह चुनाव ऑफिस को “गुमराह” करने की कोशिश है।

बाद में विधायक मधु श्रीवास्तव और दीपक अपने समर्थकों के साथ जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) पर जुटे और धमकाने लगे कि जो भी उनके बेटे के “तीन जैविक बच्चों की बात करेगा” उसके खिलाफ वह मानहानि का मुकदमा ठोकेंगे।

चुनाव अधिकारी के आदेश में गुजरात प्रोविजनल म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट, 1949 (4 अगस्त, 2015 को संशोधित भी हुआ) के सेक्शन 10 का हवाला देते हुए कहा गया कि जिस कैंडिडेट के भी दो से अधिक जीवित जैविक बच्चे होंगे, उसे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दे दिया जाएगा। आदेश के बाद दीपक और मधु की प्रतिक्रिया नहीं आ सकी।

वहीं, स्वतंत्र उम्मीदवार विरेन रामी (वीएमसी वॉर्ड नंबर-9 से सिटिंग कॉरपोरेटर) और राजकोट म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के वॉर्ड नंबर-4 से कांग्रेस के कैंडिडेट नरण सवसेता का भी पर्चा इसी आधार पर खारिज कर दिया गया।