गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव प्रचार जारी है। हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) अभी तक गुजरात चुनाव प्रचार से दूर रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेताओं का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) से ही राहुल गांधी गुजरात चुनाव की निगरानी कर रहे हैं।

हालांकि प्रदेश इकाई को इस बात का कोई स्पष्ट अंदाजा नहीं है कि राहुल के कितने दौरे होंगे। कुछ नेता राहुल के दो दौरे की बात कर रहे हैं। एक 22 नवंबर को और दूसरा दूसरे चरण के मतदान से पहले 5 दिसंबर को। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि यह सबसे अच्छा है कि राहुल भारत जोड़ो यात्रा से “विचलित” नहीं हो रहे हैं और वह याद दिलाते हैं कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी प्रचार नहीं किया था। हालांकि हिमाचल में प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी।

गुजरात के प्रभारी और एआईसीसी महासचिव रघु शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “भले ही राहुल गांधी राज्य में मौजूद न हों, लेकिन वह लगातार निगरानी कर रहे हैं कि पार्टी गुजरात में क्या कर रही है। हम उनकी जनसभाओं की योजना बना रहे हैं, लेकिन यह कहना गलत है कि वह अनुपस्थित हैं। उन्होंने हाल ही में सितंबर तक द्वारका, दाहोद और साबरमती रिवरफ्रंट पर बैठकें की थीं।

गुजरात कांग्रेस के कोर कमेटी सदस्य और एआईसीसी प्रतिनिधि गौरव पंड्या कहते हैं कि इसे देखने का एक और तरीका है। उन्होंने कहा, “हर कोई मैदान में प्रचार कर रहा है। अगर राहुलजी आते तो जो नेता भी उम्मीदवार होते, उन्हें अपना प्रचार अभियान छोड़कर उनकी सभाओं में आना पड़ता, जो (उनके लिए) नुकसानदेह होता।”

भारत जोड़ो यात्रा को लेकर गौरव पंड्या ने कहा, “उनकी (राहुल की) भारत जोड़ो यात्रा का हमारे अभियान पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ रहा है। इसने छोटे से छोटे गाँव में कांग्रेस के कार्यकर्ता को इसके बारे में बात करने के लिए मजबूर कर दिया है और उन्हें लगता है कि हमें इसका पूरक होना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा की योजना राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बनाई गई थी।”

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा है कि दाहोद में राहुल द्वारा आदिवासी यात्रा की शुरुआत के बाद आदिवासी क्षेत्रों में घर-घर अभियान चलाया गया, जिसमें बताया गया कि पार्टी जल, जंगल, जमीन पर उनके अधिकारों की रक्षा के लिए क्या करेगी।