गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता विजय रूपानी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने पहले ही पार्टी आलाकमान को बता दिया था कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। लेकिन उनके इस फैसले से उनके समर्थक निराश हैं । रूपानी गुजरात में एक निडर नेता भी साबित हुए हैं और उन्हें जमीन से जुड़ा नेता भी कहा जाता है।
रूपानी ने पिछले साल 11 सितंबर को चुपचाप सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी द्वारा पूरे मंत्रिमंडल को बदलने का फैसला करने के बाद 66 वर्षीय रूपानी ने इस बार भी सुर्खियों से पीछे हट गए हैं। रूपानी के चुनाव न लड़ने घोषणा के बाद पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल, भूपेंद्र चुडासमा और प्रदीप सिंह जडेजा सहित अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने इसका अनुसरण किया और कहा कि वे भी आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
भाजपा की राजकोट नगर इकाई के अध्यक्ष कमलेश मिरानी ने स्वीकार किया कि वे निराश हैं। विजय रूपानी राजकोट से मौजूदा विधायक हैं। कमलेश मिरानी ने कहा, “जब तक शहर की चार विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई थी, तब पार्टी कार्यकर्ता उम्मीद कर रहे थे कि रूपानी चुनाव लड़ेंगे। लेकिन अब जब पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, तो सभी भाजपा कार्यकर्ता उनके लिए काम करेंगे। हमारे कार्यकर्ता कमल (बीजेपी का चुनाव चिह्न) की पूजा करते हैं, लोग बदलते रहते हैं।”
एक भाजपा कार्यकर्ता और अधिवक्ता ने कहा कि जो बात रूपानी को अलग करती है, वह यह है कि वह एक स्वाभाविक नेता हैं जो जनता के बीच रहना पसंद करते हैं। कार्यकर्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राजकोट को बहुत कुछ दिया और इसलिए यह स्पष्ट है कि मेरे जैसे कार्यकर्ता उनकी अनुपस्थिति से निराश होंगे।” साथ ही उन्होंने उनके फैसले का सम्मान किया।
पहली बार 1987 में राजकोट नगर निगम के लिए चुने गए रूपानी ने राजकोट के मेयर के रूप में भी कार्य किया। उसके बाद 2006 में राज्य सभा सांसद बने और फिर गुजरात नगर वित्त बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त हुए। उसके बाद उन्होंने भाजपा राज्य इकाई के महासचिव और प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। अक्टूबर 2014 में भाजपा ने उन्हें राजकोट (पश्चिम) सीट पर उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था क्योंकि यह भाजपा का गढ़ था, जहां से नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2001 में गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़कर जीता था। 2016 तक वह गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष थे।