मध्य प्रदेश में नगर परिषद और नगर पालिका के अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव चल रहे हैं। वहीं गुना में बीजेपी के ही अंदर गुटबाजी देखने को मिल रही है। अध्यक्ष पद को लेकर चार दावेदारों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिंधिया गुट के दो नेता अपनी पत्नियों को अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। गुना में 10 अगस्त को अध्यक्ष पद का चुनाव होना है। वहीं भाजपा को अब तक क्लियर माइंडेड नहीं मिला है।

गुजबाजी को लेकर बीजेपी ने अपने पार्षदों पर निगरानी तेज कर दी है। गुना से जो हालिया तस्वीर सामने आई है, उसको लेकर बीजेपी ने अपने पार्षदों की बाड़ाबंदी तेज कर दी है। पार्षदों को पूरे परिवार के साथ तीर्थ यात्रा पर भेजा जा रहा है।

भाजपा नेता ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के सभी पार्षदों की इच्छा थी कि अभी सावन को महीना चल रहा है। हम लोगों को किसी भी धार्मिक स्थान पर घुमाने के लिए भेजा जाए। जिसको लेकर पार्टी ने व्यवस्था की है। पार्टी के सभी पार्षद एक साथ होकर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो पार्षद बच गए है, उनको भी तीर्थ यात्रा पर भेजा जाएगा। 11 पार्षद तीर्थयात्रा पर गए हैं। कुल 37 पार्षद चुनाव जीते हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी के 19 पार्षद चुनाव जीते हैं, जबकि 12 कांग्रेस के पार्षद चुनाव जीते हैं, जबकि 6 निर्दलीय हैं।

दरअसल, बीजेपी के अंदरूनी गुटबाजी के चलते 19 पार्षद जीतने के बाद भी बीजेपी पार्षदों में टूट-फूट की आशंका बनी हुई है। बीजेपी नहीं चाहती कि इस गुटबाजी के चलते कांग्रेस का अध्यक्ष बन जाए।

वहीं बीजेपी में सिंधिया गुट के दो नेता अरविंद गुप्ता और रविंद्र रघुवंशी ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों नेता अपने शक्ति प्रदर्शन में जुट गए हैं। दोनों ने दिल्ली पहुंचकर सिंधिया के सामने अपने पार्षदों की परेड भी कराई थी। जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुईं थीं।सिंधिया गुट के नेता रविंद्र रघुवंशी ने 13 पार्षदों के साथ दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी।

अगर कांग्रेस की बात करें, तो कांग्रेस पार्टी भी अध्यक्ष पद की रेस में दिखाई दे रही है। सिंधिया और दिग्विजय के बीच कांटे की टक्कर है। वहीं कांग्रेस भी बीजेपी के अंदर जारी अंतर कलह का पूरी तरह से फायदा उठाने की कोशिश में लगी हुई है। कांग्रेस को यह पता है कि अगर भाजपा का एक गुट नाराज होता है तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। जिससे जीत का जो जादुई आंकड़ा है, वो कांग्रेस के लिए छूना आसान हो जाएगा।