थोक बाजारों से खरीददारी, ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश व त्योहारों के ठीक पहले की छुट्टी का दिन होने की वजह से रविवार को दिल्ली जाम से बेहाल रही। कई इलाकों में वाहन रेंगते नजर आए। लोग घंटों जाम में फंस कर कभी व्यवस्था को तो कभी खुद को कोसते नजर आए। सभी बड़े बाजारों में लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। जहां त्योहारों पर किसी अनहोनी को टालने के लिए तमाम बड़े बाजारों की घेरेबंदी करके पुलिस लगातार एहतियाती उद्घोषणाएं कर रही है वहीं जगह -जगह बैरिकेड लगा कर सघन जांच से भी यातायात की गति बाधित हुई।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तमाम बाजारों में माल दिल्ली के थोक बाजारों से पहुंचता है। इसमें पटाखों का थोक बाजार सदर, सूखे मेवे का बाजार खारी बावली, सोने चांदी का बड़ा बाजार चांदनी चौक व करोल बाग, इलेक्ट्रॉनिक सामानो के हब के रूप में पहचाने जाने वाले गफ्फार मार्केट, कपड़ों के बड़े बाजार गांधी नगर सहित तमाम इलाके त्योहारों हो रही बिक्री को लेकर खासे उत्साहित व लकदक कर रहे हैं पर यातायात के लिहाज से ये बाजार राजधानी के यातायात को चरमराने के स्तर तक प्रभावित कर रहे हैं। नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद सहित तमाम इलाकों के छोटे व्यापारी बड़ी तादात में धनतेरस व दीवाली पर अपनी दुकान सजाने के लिए सामान उठाने रविवार को निकले।
यही नहीं दिल्ली के एक ओर से दूसरे छोर पर स्थित फुटकर बाजारों को भी माल इन्हीं थोक बाजारों से उठाना पड़ता है। इसकी वजह से भारी जाम लग रहा है। चांदनी चौक , नई सड़क, सदर सब्जी मंडी सहित तमाम इलाके जाम रहे। यहां पैदल चलने वाले ही पार पा रहे थे। मेट्रो से आने जाने वालों को फिर भी थोड़ी राहत रही।
फुटकर बाजारों से त्योहारों की खरीदारी करने वाले आमजन भी रविवार को बड़ी तादात में घरों से निकले थे ताकि वे त्योहार से ठीक पहले पड़ने वाले रविवार का फायदा लेकर मजे से खरीददारी कर सकें। इसके चलते राजधानी के सरोजनी नगर, लाजपत नगर ,करोलबाग कमला मार्केट, विजय नगर, लक्ष्मीनगर सहित तमाम बाजार भीड़ से अटे रहे। इसके चलते रिंगरोड, मालरोड, मूलचंद ,दक्षिणी दिल्ली के तमाम इलाके, विकास मार्ग और आइटीओ पर घंटों वाहन इंच -इंच सरकते नजर आए।
इन बाजारों में आतंकवादी हमलों की आशंका के मद्देनजर ऐहतियात बरतते हुए पुलिस ने दूर-दूर तक घेरेबंदी कर रखी है। इससे लोगों को अपने वाहन दूर खड़े करके पैदल ही काफी लंबा रास्ता पार करना पड़ा जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। दीपावली पर लोगों से मिलने व उपहारों के आदान प्रदान का चलन पिछले कुछ बरसों से काफी बढ़ गया है। गाड़ियों में उपहार लिए मिलने जुलने निकलने वाले भी सक्रिय रहे।
जहां शहर के भीतर का यह आलम है वहीं दिल्ली के बाहर से आने वाले मालवाहक वाहनों पर ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से लगाए गए अधिभार व सरकार को फटकार को लेकर भी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में अफराफरी का आलम रहा। बैरिकेड लगा कर बाहर से आने वाले ट्रकों की जांच कर उनसे शुल्क लेने के चलते लोनी बार्डर, सीमापुरी, शाहदरा, ढासा बार्डर व अन्य इलाकों में ट्रकों का तांता लग गया।
लुटियंस की दिल्ली से लेक र पुरानी व बाहरी दिल्ली तक में ऐसे लग रहा था कि एकबारगी दिल्ली थम सी गई है। बसों, सड़कों व गलियों मुहल्लों तक में बिहार नतीजों की चर्चा रही। जाम में फंसे लोग भी राजनीतिक परिचर्चा का आनंद लेने से नहीं चूक रहे थे। कोई रेडियो तो कोई साथियों से नतीजों की जानकारी लेते अपनी टिप्पणी देते अपना सफर तय कर रहे थे।