श्रावण मास के शुरू होते ही देश में कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार पहले से ही पूरी तैयारी कर रही है। इसी कड़ी में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया है। जानकारी के अनुसार एक्सप्रेस वे पर केवल कांवड़ यात्री चलेंगे। इसी वजह से इस पर वाहनों का प्रवेश वर्जित किए जाने का आदेश दिया गया है।

प्रदेश की योगी सरकार हर बार की भांति इस बार भी कांवड़ यात्रियों के लिए सुविधाएं मुहैया करा रही है। कांवड़ यात्रियों का यात्रा के दौरान कोई परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर वाहनों के प्रवेश को बंद करने का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर सभी पैदल कांवड़िये यात्रा करेंगे। आदेशानुसार एक्सप्रेस वे पर 22 जुलाई से भारी वाहन तथा 27 जुलाई से हलके वाहनों का चलना बंद हो जाएगा। इस दौरान वाहनों को रूट डायवर्जन के तहत यात्रा करना होगा।

इस बार कांवड़ यात्रा में कुछ परिवर्तन किया गया है। जानकारी के अनुसार पिछले साल सावन मास में डाक कांवड़िये एक्सप्रेस वे के साथ ही मेरठ रोड से भी आते थे। लेकिन इस बार सभी डाक कांवड़ियों के लिए एक्सप्रेस वे का रास्ता तय किया गया है। इस बारे में पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि इस बार 22 जुलाई से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर रूट डायवर्जन नियम लागू हो जाएगा। एक्सप्रेस वे केवल कांवड़ यात्रियों के लिए रहेगा।

मिश्रा ने बताया कि डाक कांवड़ यात्रियों के लिए दो रूट के बजाय एक ही रूट पर चलने से फायदा होगा। इससे डाक कांवड़ को अलग रूट मिल जाएगा। इसके साथ ही अन्य वाहनों के लिए मेरठ रोड चालू रहेगा। मेरठ रोड से पैदल कांवड़िये आते हैं। जिस पर कांवड़ियों के लिए शिविर कैंप भी लगाया जाता है।

मेरठ की ओर जाने वाली भारी वाहनों का आवागमन 22 जुलाई से पूरी तरह से बंद रहेगा। जबकि हल्के वाहनों के लिए 27 जुलाई तक का समय है। 27 जुलाई के बाद से मसूरी के पास कन्नौजा होते हुए हल्के वाहन ओर्डिनेंस फैक्टरी होते हुए मुरादनगर जाएंगे।