राष्ट्रीय राजधानी में बच्चियों के साथ बलात्कार के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्लू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस समस्या से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव केके शर्मा से मिलने का समय मांगा है।
मालीवाल ने एक पत्र में कहा, ‘आप इस बात से वाकिफ हैं कि दिल्ली में बलात्कार के मामले विशेषकर बच्चों के साथ बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में बलात्कार के 130 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें से 50 मामले बच्चों से जुड़े हैं। इनमें से दो मामले महज एक वर्ष के शिशु के हैं।’

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली महिला आयोग को मालूम है कि ‘जन व्यवस्था’ दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है तथापि बच्चों के साथ बलात्कार गंभीर अपराध का मामला होने के साथ ही इसका सामाजिक-मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है।’ मालीवाल ने चार साल की एक लड़की से भी मुलाकात की जो हाल ही में शहर में बलात्कार की शिकार हुई है। इस बच्ची को एक बड़े आपरेशन से गुजरना पड़ा क्योंकि अपराधियों ने उसके गुप्तांगों को क्षति पहुंचाई थी। वह एम्स के आइसीयू में भर्ती है।

डीसीडब्ल्यू ने केन्द्रीय गृह सचिव को नोटिस भेजा
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्लू) ने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की बैठक टालने का कारण पूछते हुए केन्द्रीय गृह सचिव को एक ‘नोटिस’ जारी किया है। आयोग ने शहर में बच्चों के साथ बलात्कार के मामलों से निपटने के लिए हुए विचार विमर्श का ब्यौरा भी मांगा है।

दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने बलात्कार के एक आरोपी की मनोवृत्ति और उत्तेजना के बारे में समझने के लिए दिल्ली पुलिस की पहल की प्रगति के बारे में भी सूचना मांगी है। साथ ही आयोग ने अभी तक प्राप्त तथ्यों की एक रिपोर्ट भी मांगी है।
मालीवाल ने इस नोटिस में कहा, ‘जैसा कि आपको पता है कि दिल्ली में बलात्कार के मामले विशेषकर बच्चों के साथ बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में बलात्कार के 130 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें से 50 मामले बच्चों से जुड़े हैं। इनमें से दो मामले महज एक वर्ष के शिशु के हैं।