12 साल पहले जब शमा और तनवीर की शादी हुई थी तो तनवीर की महीने की आमदनी इतनी भी नहीं थी कि वह अपने परिवार का पेट भर सके। एक रात इस दंपति ने एक ज्वैलरी शॉप में चोरी की और लाखों के गहने और कैश लूट कर भाग गए। कई सालों तक लूट को अंजाम देने और जेल की कई यात्राओं के बाद इस दंपति ने एक गैंग बना लिया। न सिर्फ यूपी में बल्कि ‘बंटी-बबली’ का ये गैंग देश के 7 राज्यों में वारदातों को अंजाम दे चुका है। यूपी, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र और दिल्ली में इस गैंग के लोग हैं। बुधवार को यूपी के मोदीनगर से शमा और गैंग के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तनवीर की पुलिस को अब भी तलाश है।

हाल ही में फरवरी में इन लोगों ने मोदीनगर में एक लूट को अंजाम दिया था। ज्वैलरी की दुकान का शटर काटकर ये लोग घुस गए। इसके बाद चोरी की वारदात को अंजाम दिया। फरवरी में ही इस गैंग ने साहिबाबाद में चोरी को अंजाम दिया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पाया कि दोनों घटनाओं में एक ही गिरोह के लोग शामिल हैं। फिर इसके बाद पुलिस ने गैंग को दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि गैंग ने दोनों दुकानों से 10 लाख रुपये की चोरी की। तनवीर और उसकी पत्नी शमा मेरठ के रहने वाले हैं। ये लोग 10 सालों से ये गैंग चला रहे थे।

तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली और यूपी में इन लोगों ने 50 से अधिक चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। कई बार तो इस गैंग को जेल की हवा भी खानी पड़ी लेकिन इसके बाद भी ये लोग नहीं सुधरे।

तनवीर और शमा ने गैंग को 15 समूहों में बांटा था। ये लोग नकली ग्राहक बनकर सुनार की दुकानों पर जाते और वहां रेकी कर आते। सारी जानकारी जुटाने के बाद शमा और तनवीर बताते कि वारदात को कैसे और कब अंजाम देना है। तनवीर जहां अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी करता वहीं उसकी बीवी शमा चोरी के सामान को ट्रेन के रास्ते ले जाने का काम करती जिससे कि किसी को इन लोगों पर शक न हो।

ये लोग गहनों को दोबारा सुनारों को बेच दिया करते थे। पुलिस ने कहा कि जिन सुनारों को चोरी का माल बेचा जाता था उनकी खोज पुलिस कर रही है। ये दंपति चोरी की आधी रकम खुद रख लेते और बाकी गिरोह के दूसरे लोगों को बांट देते थे।

जिन लोगों को पुलिस ने बुधवार को दबोचा उनसे भी 8 लाख के गहने और 2 लाख कैश मिला था।