इस समय पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। रोज़ हजारों की संख्या में लोग इसके संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र में सरकार को लेकर एक बार फिर सियासी उठापटक शुरू हो गई है। राज्य में कोरोना संकट को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। साथ ही राणे ने कोरोना के प्रकोप को रोकने और स्थिति को संभालने के लिए राज्यपाल से मुलाकात कर सेना बुलाने की मांग की है। इसे लेकर सत्तारूढ़ शिवसेना ने कड़ा जवाब दिया है और भाजप से पहले गुजरात संभालने को कहा है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा सांसद नारायण राणे के महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर मंगलवार को पलटवार करते हुए कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने में गुजरात का प्रदर्शन “सबसे बुरा’’ है और इसलिए सबसे पहले उसे केंद्र के शासन के तहत रखा जाना चाहिए। वहीं आगे राउत ने भरोसा दिलाया कि राज्य में सरकार मजबूत है और चिंता की कोई बात नहीं है।

किसी पार्टी या नेता का नाम लिए बिना, राउत ने कहा कि विपक्ष को “पृथक-वास’’ में रखा जाना चाहिए और कहा कि महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने के उनके प्रयासों का उलटा असर होगा।

राज्य में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई वायरस का हॉटस्पॉट बनी हुई है। ऐसे में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण राणे ने राज्यपाल से आज अलग-अलग मुलाकात की। वहीं पवार ने मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे से भी मुलाक़ात की।

इस मुलाक़ात के बाद सियासी सरगर्मी और तेज हो गई है। इस मुलाक़ात को लेकर राउत ने कहा “अगर उद्धव ठाकरे जी से पवार साहब मुलाकात करते हैं तो इसमें वजह की बात क्या है? राज्य चलाने वाले दो प्रमुख नेता अगर आपस में बैठकर अगर राज्य पर चर्चा करते हैं तो मुझे लगता है इसमें किसी को तकलीफ होने जैसी कोई बात नहीं है। ”

राउत ने कहा कि भाजपा अगर राष्ट्रपति शासन की बात कह रही है तो मैंने ये उनके किसी बड़े नेता के मुंह से नहीं सुना। मैंने देवेंद्र जी, अमित साहब और नितिन गडकरी जी को ये कहते हुए नहीं सुना है, ऐसे में मैं इस पर कैसे विश्वास कर लूं।

भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा, ‘सरकार कुछ नहीं कर सकती। लोगों की जान नहीं बचा सकती है। सरकार विफल हो रही है। इस सरकार में कोरोना से सामना करने की क्षमता नहीं हैं। इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।’ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद राणे ने सेना बुलाने की भी बात कही है। राणे ने कहा “हमने राज्यपाल जी से अनुरोध किया है कि लोगों की जान बचाने, उनको सही इलाज देने के लिए महानगर पालिका और राज्य सरकार के अस्पतालों को सेना के हवाले कर दिया जाए।”
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