नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों की तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं किये जाने को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। हिंदू राव अस्पताल दिल्ली में सबसे बड़ा नगर निगम अस्पताल है और इसे एक समर्पित कोविड-19 इकाई घोषित किया गया है। पूर्व में इसके कई स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके हैं।

पिछले तीन महीने से वेतन ना मिलने से परेशान डॉक्टरों का कहना है कि सरकार हमें कोरोना वॉरियर्स कहती है, हम पर फूल बरसाती है लेकिन हमें वेतन नहीं दे रही है। प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने कहा कि वेतन हमारा अधिकार है और हमें वेतन ही नहीं दिया जा रहा है। इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं।

उधर, दिल्ली सरकार ने नगर निगम के बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को कोविड-19 के लिए निर्दिष्ट अस्पतालों की सूची से मंगलवार को हटा दिया।उत्तरी दिल्ली के महापौर जयप्रकाश ने कहा, ‘‘आम ओपीडी सेवा अस्पताल में शुरू हो गई है और करीब 160 मरीज आए।’’ दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक, बाड़ा हिंदूराव अस्पताल 14 जून को बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड-19 निर्दिष्ट अस्पताल घोषित किया गया था।

आदेश में कहा गया है, “उत्तर दिल्ली नगर निगम के आयुक्त की ओर से बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को गैर कोविड अस्पताल में बदलने का आग्रह मिला है।” इसमें कहा गया कि मामले का परीक्षण किया गया और अस्पताल में औसत से कम मरीजों के भर्ती होने और एनडीएमसी की ओर से आग्रह मिलने के मद्देनजर, अस्पताल को कोविड-19 निर्दिष्ट अस्पतालों की सूची से तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है।

दिल्ली सरकार ने शनिवार को आदेश दिया था कि नगर निगम द्वारा संचालित अस्पताल से मरीजों को उसके तहत आने वाले अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाए। गौरतलब है कि बाड़ा हिंदूराव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर तीन महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से शुक्रवार से “सांकेतिक बेमियादी हड़ताल” पर चले गए थे।