कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की बैठक चल रही है। कांग्रेस विधायकों ने भी राज्य के नए मुख्यमंत्री के चुनाव का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया है। इसी बीच पंजाब सीएम पद की रेस में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेत्री अंबिका सोनी ने मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई सिख चेहरा ही होना चाहिए। वहीं भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा सिद्धू पर लगाए आरोपों को लेकर निशाना साधते हुए सवाल पूछा है कि आखिर कांग्रेस इन आरोपों पर क्यों शांत हैं?
रविवार को कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों ने बात करते हुए अंबिका सोनी ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री बनने से इंकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा 50 साल से मानना है कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई सिख होना चाहिए क्योंकि यह देश का एकमात्र राज्य है जहां सिख बहुसंख्यक हैं। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा को लेकर कहा कि पार्टी की प्रक्रिया चल रही है। प्रभारी एक-एक विधायक की राय लिखित में ली जा रही है। पंजाब इकाई में कोई भी टकराव नहीं है।
वहीं शनिवार को इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि अगर सिद्धू को पंजाब का चेहरा बनाया जाता है तो वे इस फैसले का विरोध करेंगे। क्योंकि सिद्धू का संबंध पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से है। कैप्टन के इन आरोपों को लेकर अब भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
रविवार को भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेस कर सवाल पूछते हुए कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाएं हैं। उन्होंने उन्हें देश विरोधी करार दिया है। BJP सोनिया गांधी,राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से एक सवाल पूछ रही है कि आप इसपर चुप क्यों हैं? साथ ही उन्होंने कांग्रेस से इस मसले पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा और इन आरोपों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की।
इस्तीफे के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए अमरिंदर सिंह को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अमरिंदर सिंह कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार आलाकमान को विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय लेने पड़ते हैं। उनका व्यक्तिगत तौर पर भी मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष कई नेताओं, जो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में होते हैं, उनकी नाराजगी मोल लेकर ही मुख्यमंत्री का चयन करते हैं। परंतु वही मुख्यमंत्री को बदलते वक्त आलाकमान के फैसले को नाराज होकर गलत ठहराने लग जाते हैं। ऐसे क्षणों में अपनी अंतरात्मा को सुनना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो। कैप्टन साहब ने स्वयं कहा कि पार्टी ने उन्हें साढ़े नौ साल तक मुख्यमंत्री बनाकर रखा। उन्होंने अपनी सर्वोच्च क्षमता के अनुरूप कार्य कर पंजाब की जनता की सेवा की है। कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी के सम्मानित नेता हैं एवं मुझे उम्मीद है कि वह आगे भी पार्टी का हित आगे रखकर ही कार्य करते रहेंगे।