चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के एक साथ नजर आने के साथ ही बिहार की राजनीति में गठबंधन की अटकलों को फिर हवा मिल गई है। पिता रामविलास पासवान पुण्यतिथि कार्यक्रम के लिए लालू यादव परिवार को आमंत्रित करने पहुंचे चिराग से जब नीतीश कुमार को आमंत्रित करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है लेकिन अभी तक मिला नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात आसान नहीं है, खासकर मेरे लिए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं है। चिराग पासवान ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि 12 सितंबर से पहले सीएम से मिलने का समय मिलेगा।
चिराग के इस बयान पर तेजस्वी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे समय में तो मिलने का समय देना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि रामविलास पासवान और नीतीश कुमार, बिहार की राजनीति में एक दूसरे को बहुत पहले से जानते थे। राजनीतिक के अलावा व्यक्तिगत संबंध भी थे। ऐसे में मिलने में कोई नुकसान नहीं है। तेजस्वी और चिराग ने यह बयान, लालू पुत्र के आवास कही, जब दोनों नेता मुलाकात के बाद बाहर आ रहे थे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रामविलास पासवान की पुण्यतिथि का कार्यक्रम 12 सितंबर को पटना में आयोजित किया जाएगा। पासवान का निधन आठ अक्टूबर को हुआ था लेकिन पारंपरिक कैलेंडर के हिसाब से यह तिथि 12 सितंबर को पड़ रही है। इस कार्यक्रम में राजनीति के तमाम दिग्गज नेताओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मोदी कैबिनेट के कई नेताओं को आमंत्रण भेजे जाने की जानकारी मिल रही है।
लालू के सुझाव के बाद चिराग से मिले तेजस्वी: RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की इच्छा है कि चिराग पासवान और तेस्जवी यादव साथ आने के सवाल पूछे जाने पर RJD नेता तेस्जवी यादव ने कहा कि जब लालू जी ने जो बात कह दी उसके बाद हम लोग तो कुछ कह ही नहीं सकते हैं।
राजनीतिक सवालों को चिराग पासवान ने किया अनदेखा: तेजस्वी और चिराग को एक साथ देखकर अपनी तरफ आ रहे सियासी सवालों से बचते हुए चिराग ने कहा कि यह मुलाकात पारिवारिक थी, हमारे पुराने रिश्ते रहे हैं, मैं यहां पिता की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में लालू परिवार को आमंत्रित करने आया था इसके राजीतिक मायने न निकाले जाएं। उन्होंने कहा कि राजनीति पर चर्चा किसी और दिन की जाएगी।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने लोजपा टूट प्रकरण के दौरान चिराग को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था। तेजस्वी ने अपने ऑफर के साथ चिराग को 2010 की याद दिलाई थी। जब लालू प्रसाद यादव ने चिराग के पिता रामविलास पासवान की मदद करके उन्हें राज्यसभा भेजा था।