कोरोनावायरस की दूसरी लहर देशवासियों के लिए काफी घातक साबित हुई है। लाखों मरीजों की मौतों और लगातार बढ़ते एक्टिव केसों की संख्या की वजह से पिछले एक महीने में स्वास्थ्य सेवाओं पर जबरदस्त दबाव बना है। इसके बावजूद स्वास्थ्यकर्मी पूरी जी-जान से लोगों को बचाने में जुटे हैं। ऐसी ही एक बहादुरी का वाकया छत्तीसगढ़ के बलोदा बाजार से भी आया, जहां एक नर्स ने अपने पति और सास को गंवाने के बावजूद खुद को टूटने नहीं दिया और पूरे समर्पण से काम में जुटी रहीं। नर्स की कहानी सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी भावुक हो उठे।

दरअसलस, छत्तीसगढ़ सीएम हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर ऑनलाइन आयोजित एक कार्यक्रम में नर्सों के साथ बातचीत कर रहे थे। इसमें उन्होंने कोरोनाकाल में भी पूरी हिम्मत से काम पर लगे रहने के लिए नर्सों को सलाम किया। बातचीत के दौरान ही जब नर्स वर्षा गोडाने की बारी आई, तो उन्होंने बताया कि कैसे कोरोना की वजह से उन्होंने अपने पति और सास को खो दिया। इसके बावजूद वे ड्यूटी पर जुटी रहीं। वर्षा ने बताया कि उनके बच्चे भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे, लेकिन वे ठीक हो गए और इसके बाद फिर ड्यूटी जॉइन कर ली।

सीएम ने नर्स को बताया देवी का रूप: नर्स की बात सुनकर सीएम बघेल अपने आंसू नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि आपने अपने दायित्व को पूरा किया, इसकी जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम है। बघेल इसके बाद पास रखे रुमाल से आंसू पोछने लगे। सीएम ने आगे कहा, “सभी नर्सों को मैं नमस्कार करता हूं। आप विकृत परिस्थिति में काम कर रही हैं और उनके परिवार प्रभावित होने और खोने के बावजूद भी जो सेवाएं आपने दी हैं, वह उत्कृष्ट सेवा के दायरे में आता है।” सीएम ने नर्सों की सेवा की भावना को सलाम करते हुए उन्हें देवी का रूप तक कह दिया।

छत्तीसगढ में घट रहे कोरोना केस: छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटों के दौरान 6477 नए लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 9,25,531 हो गई है। राज्य में गत 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित 153 मरीजों की मौत दर्ज की गई है। वहीं, 12 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं।