कृषि कानूनों पर किसान संगठनों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार लंबे समय से बैठक बुलाने की कोशिश कर रही है, हालांकि किसानों की स्पष्ट मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिए बिना कोई बातचीत नहीं हो सकती। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) से जुड़े राकेश टिकैत पूरे देश में महापंचायत और सार्वजनिक बैठक कर पक्ष जुटाने की कोशिश में लगे हैं। कर्नाटक के शिवमोगा में शनिवार को उन्होंने बेंगलुरु को भी घेर कर दिल्ली की तरह ही बनाने की बात कही।
क्या बोले राकेश टिकैत?: टिकैत ने किसानों की एक बैठक के दौरान कहा, “हमें बेंगलुरु को भी हर तरफ से घेरकर इसे दिल्ली की तरह बनाना पड़ेगा। प्रधानमंत्री का कहना है कि किसान अपनी फसलें कहीं भी बेच सकते हैं, तो आप अपनी फसलें जिला कमिश्नर, एसडीएम के दफ्तरों पर ले जाइए। अगर पुलिस आपको रोके तो उनसे एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए कहिए।”
टिकैत यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “अगर किसानों का विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ तो यह देश बेच दिया जाएगा और आप अपनी जमीन 20 साल में गंवा देंगे। अभी ही करीब 26 बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है। हमें इस तरह की बिकवाली रोकने के लिए शपथ लेनी होगी।”
समर्थन जुटाने को 3 दिवसीय कर्नाटक दौरे पर पहुंचे दोनों नेता: बता दें कि किसान नेता दर्शन पाल और राकेश टिकैत पिछले करीब चार महीनों से दिल्ली के कुछ प्रमुख बॉर्डरों पर किसानों का जमावड़ा जुटाकर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉ पाल और टिकैत शनिवार से शुरू हुए राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। किसान आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने के अभियान के तहत ये नेता यहां पहुंचे हैं।
दोनों नेता सोमवार को बेंगलुरु शहर में ‘विधानसभा चलो रैली’ का नेतृत्व करेंगे। इस रैली में 10,000 से अधिक किसानों और श्रमिकों के भाग लेने की उम्मीद है। ये रैली सिटी रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और फ्रीडम पार्क में खत्म होगी। इस रैली को राज्य में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी को नुकसान पहुंचाने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

