भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बड़ी आशंका व्यक्त की है। मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान राकेश टिकैत ने आशंका जतायी है कि टिकैत परिवार को तोड़ने का षड्यंत किया जा रहा है।
मेरठ में एक समीक्षा सभा के दौरान बेंगलुरु के स्याही हमले का जिक्र करते हुए टिकैत बोले, ये टिकैत परिवार को तोड़ने का षड्यंत है। हमें तोड़ने का काम किया जा रहा है। लेकिन परिवार टूटेगा नहीं। टिकैत परिवार हमेशा ही मजबूती से किसानों की आवाज उठाता रहा है। आगे भी उठाता रहेगा। सरकार चाहती है की संगठन का विघटन किया जाए इसलिए हमला कर रही है। अगर हमला नहीं रोकोगे तो मारे जाओगे। 7-8 महीने यही चलेगा। सरकार को चेतावनी देते हुए टिकैत आगे कहते हैं, सरकार और अधिकारी गलतफहमी निकाल दें। अगर आप हमारा काम नहीं करेंगे तो हम अपना काम कराना जानते हैं।
टिकैत को हत्या का डर
बेंगलुरु की घटना के बाद टिकैत को हत्या का डर सताने लगा है। उनका कहना है कि मुझे पहले भी जान से मारने की धमकी मिली है। इस मामले में प्रशासन को कम से कम 17,18 एप्लिकेशन है लेकिन आज तक एक्शन नहीं लिया गया है। एक घटना का जिक्र करते हुए टिकैत कहते हैं, दिल्ली में बिपिन रावत जी के घर पर भी हत्या कराने की प्लानिंग थी। लेकिन तब दिल्ली पुलिस ने दूसरे गेट से निकाल बचा लिया था।
स्याही कांड के पीछे भाजपा?
30 मई को बेंगलुरू के गांधी भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गई थी। इस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई थी। टिकैत ने कहा, स्याही कांड में पकड़े गए लोग बीजेपी से हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी अपने एक ट्वीट में आयोजकों के माध्यम से भाजपा को ही इस कृत्य के लिए जिम्मेदार बताया था। योगेंद्र ने लिखा था, बंगलुरु के गांधी भवन में राकेश टिकैत पर हुए हमले के बारे में बैठक की आयोजक चुक्की ननजुंडस्वामी ने पुष्टि की है की हमलावर “जय मोदी” का नारा लगा रहे थे। इस कुकृत्य का किसानों से कोई संबंध नहीं है, यह बीजेपी द्वारा पूर्व नियोजित हमला लगता है।