देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले और पार्टी शासित कुछ राज्यों में राष्ट्रवाद एवं आरक्षण को लेकर आंदोलनों के मुद्दों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शनिवार (19 मार्च) से हो रही है। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा के शीर्ष नेता एवं मंत्री हिस्सा लेंगे, जिसमें राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पारित होंगे। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रस्ताव के केंद्र में ‘‘गरीबों के अनुकूल एवं गांव केंद्रित बजट’’ होगा। सूत्रों ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उद्घाटन संबोधन देंगे जबकि मोदी समापन संबोधन देंगे।

सूत्रों ने कहा कि बैठक के एजेंडे में जो प्रमुख मुद्दे होंगे उनमें बजट विशेषताओं के अलावा मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस का ‘‘दुष्प्रचार’’ अभियान तथा इशरत जहां एवं जेएनयू मामले शामिल होंगे। भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘विपक्ष विशेष तौर पर कांग्रेस पिछले 20 महीने में बहुत से मुद्दों पर बेनकाब हुई है, चाहे वह बुद्धिजीवियों के एक वर्ग द्वारा पुरस्कार वापसी हो या जेएनयू मामला जिसमें उसने राष्ट्र विरोधी ताकतों का पक्ष लिया। इन सभी पर चर्चा होगी।’’

इस बैठक में होने वाली चर्चाओं में अप्रैल-मई महीने में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का मुद्दा भी शामिल होगा। इस दौरान उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हो सकती है, जो अगले वर्ष के शुरू में होने हैं, जिनमें भाजपा का काफी कुछ दाव पर होगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में बजट के ‘‘गरीब एवं गांव अनुकूल’’ पहलुओं के बारे में जनता को सूचित करने की जरूरत पर भी जोर होगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली मुख्य वक्ता होंगे।

भाजपा पदाधिकारियों की पहले बैठक होगी और उसके बाद दोपहर में कार्यकारिणी की बैठक होगी। बैठक भाजपा को जेएनयू मामले के मद्देनजर अपनी कट्टर राष्ट्रवादी पहचान सामने रखने का एक मौका देगी। हाल में आयोजित भारतीय जनता युवा मोर्चा के सम्मेलन में शाह सहित पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर कांग्रेस विशेष तौर पर उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा था।

सूत्रों ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस मुद्दे से कांग्रेस में बढ़ता वैचारिक खोखलापन रेखांकित हुआ है और इससे यह भी बात सामने आयी है कि वह सरकार पर निशाना साधने की अपनी निराशा के चलते कोई भी मुद्दा उठा सकती है।’’ इशरत जहां मुठभेड़ मामले में हाल में हुए खुलासे भी भाजपा को कांग्रेस पर हमले का एक मुद्दा देंगे।