मध्यप्रदेश के सतना जिले में मैहर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस को करारा झटका देते हुए 28,281 मतों के अंतर से इस सीट पर विजय हासिल की है। चुनाव अधिकारी ने मंगलवार बताया कि त्रिपाठी को 82,658 मत हासिल हुए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मनीष पटेल को 54,377 मत प्राप्त हुए। कांग्रेस को इस सीट पर यह दूसरा झटका लगा है। इससे पहले नारायण त्रिपाठी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर यहां से विजय हासिल की थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस विधायक सदस्य के रूप में उनके इस्तीफे के बाद ही यहां उपचुनाव कराना पड़ा। उपचुनाव में त्रिपाठी ने इस बार भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल कर कांग्रेस को दूसरा झटका दिया है।
भाजपा को इस उपचुनाव में जीत की सख्त आवश्यकता थी क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव में पराजय के साथ ही भाजपा मध्यप्रदेश में झाबुआ-रतलाम संसदीय उपचुनाव में भी हार गई थी और उसका ग्राफ नीचे की ओर था। इस लिहाज से मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा के लिए मैहर उपचुनाव में विजय बहुत माने रखती है।
यह विजय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर में चौहान के महत्व को बढ़ाएगी। प्रधानमंत्री 18 फरवरी को मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के शेरपुर में एक दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं, जहां नई फसल बीमा योजना के लिए किसानों द्वारा मोदी का अभिनंदन किया जाएगा।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में मैहर उपचुनाव में भाजपा की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चौहान ने कहा, ‘यह विजय अकल्पनीय है, क्योंकि मैहर सीट कांग्रेस की थी और यह भाजपा की परंपरागत सीट नहीं थी। लेकिन उन्हें खुशी है कि इस उपचुनाव में गरीब मतों का धु्रवीकरण भाजपा के पक्ष में हुआ तथा गरीब, आदिवासी, महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने जाति आदि बातों से ऊपर उठकर भाजपा और विकास की विचारधारा को वोट दिया।’
उन्होंने कहा कि इस विजय से हमें और अधिक नम्र और सेवा करने की प्रेरणा मिलती है। चौहान ने इस विजय के लिये मैहर की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 22 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर मैहर में ‘महाकुंभ’ का आयोजन किया जाएगा।
कांग्रेस के लिए भी यह उपचुनाव अहम था, क्योंकि परंपरागत तौर पर यह सीट कांग्रेस की रही है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा को पूरे प्रदेश में दो तिहाई सीटों पर विजय हासिल हुई थी, तब भी कांग्रेस ने इस क्षेत्र में अपना परचम लहराया था। भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस के विधायक नारायण त्रिपाठी को इस्तीफा दिलवाकर यहां से अपना उम्मीदवार बनाया जबकि कांग्रेस ने भी इस सीट को जीतने के लिए कोई कोर कोसर नहीं छोड़ी थी। उसने बसपा के मनीष पटेल को कांग्रेस में शामिल कर उसे अपना उम्मीदवार बनाया। मनीष पटेल ने पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के तौर पर 40,000 मत हासिल कर इस क्षेत्र में अपनी मजबूत मौजूदगी दिखाई थी।
वर्ष 1957 से कांग्रेस इस क्षेत्र से आठ दफा, जबकि जनता पार्टी, जनता दल, समाजवादी पार्टी, भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार एक-एक बार जीते हैं। त्रिपाठी ने 2013 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के उम्मीदवार से 6,975 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। 2003 में भी त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को पराजित किया था।
इस बार चुनाव प्रचार के अंतिम तीन चार दिनों में मुख्यमंत्री ने भाजपा को दूसरी दफा इस क्षेत्र से जिताने के लिए धुआंधार प्रचार किया था। 2008 में भाजपा पहली दफा इस क्षेत्र से 34,385 मतों के अंतर से जीती थी। इस उपचुनाव में बसपा ने पूर्व विधायक राम लखन सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया था जबकि समाजवादी पार्टी ने राम निवास उरमलिया को मैदान में उतारा था। मैहर में 13 फरवरी को मतदान हुआ था।