कंगना रनौत के आजादी वाले बयान पर विवाद थमता नहीं दिख रहा है। विपक्ष के साथ-साथ अब भाजपा के नेता भी इस बयान पर विरोध जताने लगे हैं। दिल्ली बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने इस बयान पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ये स्वतंत्रता सेनानियों की बेइज्जती है।

कंगना के बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस बयान को लेकर कई महान हस्तियों ने उनकी कड़ी आलोचना की है। कंगना ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा था कि 1947 में भारत को जो मिला वह “भिक्षा” थी। उन्होंने कहा, “वह स्वतंत्रता नहीं थी, लेकिन ‘भीख’ (भिक्षा) थी, और स्वतंत्रता 2014 में मिली थी”। यानि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में जब आई, तब स्वतंत्रता मिली।

प्रवीण शंकर कपूर ने ट्वीट कर कहा- एक स्वतंत्रता सेनानी पिता का पुत्र होने एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने का कारण कंगना रनौत के द्वारा भारत की आजादी को भीख मे मिली आजादी कहना, मुझे आजादी का सबसे बड़ा दुरुपयोग एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग का अपमान लगता है। काश भारत की न्याय व्यवस्था संज्ञान ले”।

कपूर ने कहा कि उन्होंने जो कहा वह बुरा था और अगर कोई प्रावधान है, तो कानून को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हर स्वतंत्रता सेनानी का परिवार आहत महसूस करता है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा दुरुपयोग है।”

प्रवीण शंकर कपूर से पहले और भी भाजपा के नेता इस बयान पर विरोध जता चुका है। बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कंगना के इस बयान की कड़ी आलोचना की थी। वरुण गांधी ने कहा था- कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह”?

वहीं कांग्रेस की ओर से भी कंगना के इस बयान की ओलचना करते हुए पद्मश्री को वापस लेने की मांग की गई है। कंगना को अभी कुछ दिन पहले ही पद्मश्री मिला है।