Bird Flu In UP: बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच गोरखपुर और इटावा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और कानपुर के चिड़चिया घरों को भी एक हफ्ते के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि गोरखपुर के एक चिड़ियाघर में एक बाघिन की मौत के बाद बर्ड फ्लू का पता चला। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने चिड़ियाघरों और पोल्ट्री फॉर्मों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

सेंट्रल जू अथॉरिटी ने एक टीम का गठन किया है और चिड़ियाघर में एवियन इन्फ्लूएंजा के असर की जांच करेगी और 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक हाई लेवल मीटिंग के बाद चिड़ियाघर को 14 मई से 20 मई तक बंद रखने का आदेश दिया गया। लखनऊ चिड़ियाघर की डायरेक्ट अदिति सिंह ने कहा कि राजधानी के चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी एहतियात के तौर पर इसे बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सभी जानवरों की कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

क्या होता है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू एक इन्फ्लूएंजा वायरस है। यह जानवरों से पैदा होता है और लोगों में भी फैल सकता है। जंगली पक्षियों और मुर्गियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण सबसे ज्यादा देखा जाता है। अब बर्ड फ्लू के लक्षण की बात करें तो यह आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 2 से 7 दिन बाद विकसित होते हैं। अक्सर यह मौसमी इन्फ्लूएंजा के जैसा ही होता है। इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, आंखों में लालिमा, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और थकान शामिल हो सकते हैं।

फिर से खतरा बनने लगी है बर्ड फ्लू की बीमारी

कैसे की जा सकती है इसकी रोकथाम?

बीमार या मरे हुए जंगली व पक्षियों साथ सीधे संपर्क से बचने से बर्ड फ्लू को रोका जा सकता है। बीमार या मृत पक्षियों को जांच के लिए स्थानीय एजेंसियों को जानकारी दी जानी चाहिए। अगर आप ऐसी जगह जा रहे हैं जहां बर्ड फ्लू फैल रहा है, तो संभव हो तो पोल्ट्री फार्म और बाजारों से बचें। खाने को अच्छी तरह से पकाएं और खाने और जानवरों को छूने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोएं। जंगली या पालतू, पक्षियों को उनसे दूर रखें ताकि वे किसी भी तरह के कीटाणु से दूर रहें।

फ्लू के वायरस मुंह, नाक या आंखों के जरिये शरीर में एंट्री करते हैं। अगर आप ऐसी जगह पर हैं जहां वायरस मौजूद हो सकता है, तो आंखों की सुरक्षा के लिए मास्क और दस्ताने पहनें, ताकि वायरस को बाहर रखने में मदद मिल सके। कीटाणुओं को मारने के लिए गर्म किया जाने वाला डेयरी दूध पाश्चुरीकृत कहलाता है। अमेरिका में, डेयरी दूध और उससे बने खाद्य पदार्थों पर पोषण तथ्यों के लेबल पर लिखा होता है कि दूध पाश्चुरीकृत है या नहीं। कच्चा दूध पाश्चुरीकृत नहीं होता, इसलिए इससे आपको बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है। बर्ड फ्लू के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों के लिए एंटीवायरल दवा के साथ इलाज पर विचार किया जा सकता है। बर्ड फ्लू के रोगियों को दूसरों में संक्रमण को रोकने के लिए अलग-थलग कर दिया जाना चाहिए।