केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय बिहार के सीमांचल दौरे पर है। अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार के पूर्णिया में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद अमित शाह पूर्णिया से किशनगंज के लिए रवाना हो गए। किशनगंज स्थित माता गुजरी यूनिवर्सिटी में अमित शाह बिहार बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक करने वाले थे। बैठक में बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और सांसदों को बुलाया गया था।

बैठक में शामिल होने के लिए बेगूसराय से सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह भी पहुंचे थे। लेकिन प्रशासन ने उनको माता गुजरी यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर ही गाड़ी से उतरकर पैदल जाने के लिए कहा, जिस पर गिरिराज सिंह मजिस्ट्रेट पर भड़क गए। गिरिराज सिंह ने मजिस्ट्रेट के साथ बहस की और उसके बाद बैठक स्थल से सर्किट हाउस चले गए।

गिरिराज सिंह गुस्सा होकर बैठक स्थल से वापस सर्किट हाउस चले गए। इसके बाद बीजेपी नेताओं को इसकी खबर लगी। फिर बीजेपी के वरिष्ठ नेता उन्हें फोन कर मनाने लगे। बाद में काफी मनाने के बाद गिरिराज सिंह बैठक में शामिल होने के लिए माता गुजरी यूनिवर्सिटी वापस आए। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने गिरिराज सिंह को फोन किया और उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए मनाया। इसके बाद गिरिराज सिंह पहुंचे।

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने गुजरी यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 2 से केवल वीवीआइपी पास वालों को ही एंट्री दी थी। लेकिन सभी को अपनी गाड़ी गेट के बाहर खड़ा करने का निर्देश दिया गया था और गेट से पैदल बैठक में जाने के लिए कहा गया था। जब गिरिराज सिंह को प्रशासन के अधिकारी ने ऐसा करने से कहा तो गिरिराज सिंह भड़क गए।

बता दें कि इसके पहले पूर्णिया में अमित शाह ने जनसभा को संबोधित किया और नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भाजपा से आधी सीट आने के बाद भी मोदी जी ने बड़प्पन दिखाते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन अब लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही ये लालू और कांग्रेस की गोदी में बैठ गये। 2014 में भी इन्होंने यही किया था और इनकी 2 सीट रह गयी थीं। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इनका सूपड़ा साफ होगा।”