बिहार की राजनीति में अब बड़े चेहरे के तौर पर या फिर कहें वर्तमान विपक्ष के चेहरे के तौर पर तेजस्वी यादव अपने आप को स्थापित कर चुके हैं। अब उनकी पत्नी राजश्री भी शायद राजनीति में एंट्री की तैयारी कर रही हैं। ये अटकलें तब लगनी शुरू हुईं जब रामनवमी के पोस्टर में वो तेजस्वी के साथ दिखीं, जिसमें लालू यादव भी मौजूद हैं। हालांकि इस पोस्टर से राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव गायब हैं।

दरअसल रामनवमी के अवसर पर पटना में एक पोस्टर लगाया है। पोस्टर राजद नेता अनिल सम्राट की ओर से लगाया गया है। अनिल सम्राट तेजस्वी के खास माने जाते हैं। पोस्टर में तेजस्वी के साथ-साथ उनकी पत्नी राजश्री को भी स्थान दिया गया है, लालू यादव भी मौजूद हैं, लेकिन बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और तेजस्वी की मां राबड़ी देवी के साथ-साथ लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप पोस्टर से गायब हैं।

इस पोस्टर से जहां राजश्री की राजनीति में एंट्री की अटकलें लगाईं जा रही हैं तो वहीं बदले हुए राजद की तस्वीर भी दिख रही है, जिसके केंद्र में तेजस्वी के साथ लालू तो हैं लेकिन बाकी परिवार अब साइड होते जा रहा है।

वहीं राजद की ओर से कहा गया है कि यह पोस्टर पार्टी की तरफ से नहीं लगया गया है, एक नेता ने निजी तौर पर इसे लगाया है। उसमें नेता की भावना है, पार्टी का कोई रोल नहीं है। पार्टी के नेता और चेहरे पहले की तरह ही हैं।

बता दें कि अनिल सम्राट को इस बार तेजस्वी ने एमएलसी उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन वो हार गए थे। हालांकि इस बार के चुनाव में तेजस्वी सबसे फायदे में रहे और उनकी पार्टी ने छह सीटों पर कब्जा जमाया। सीटें एनडीए ने सबसे ज्यादा 13 जीतीं लेकिन पहले के मुकाबले उसे काफी सीटों का घाटा हुआ है। नीतीश की पार्टी जदयू विधानसभा चुनाव की तरह ही इस चुनाव में भी तीसरे नंबर पर रही। कांग्रेस को एक सीट मिली और एक निर्दलीय उम्मीदवार उसके समर्थन से चुनाव जीते। इस चुनाव में राजद और कांग्रेस अलग-अलग होकर चुनावी मैदान में उतरे थे।