राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और BJP सांसद सुशील कुमार मोदी पर बुरी तरह भड़की हैं। मोदी द्वारा उनके परिवार को लेकर किए एक ट्वीट के बाद आचार्य का कहना है कि ये सारे सिर पर नाच रहे हैं। इनका गुजारा ही लालू चालीसा से चलता है। ये लोग जिस दिन लालू का नाम लेना बंद कर देंगे, उस दिन सड़क पर आ जाएंगे। ये बातें रोहिणी ने प्रादेशिक हिंदी चैनल ‘बिहार तक’ से ऑनलाइन बातचीत में कहीं। उन्होंने इसके अलावा अपने खिलाफ मोदी के ऐक्शन पर तंज कसते हुए कहा कि यह उनका बहुत बड़ा अचीवमेंट है, जिसमें लिए वह ताली भी बजा रही हैं।
चर्चा में होने के सवाल पर उन्होंने बताया, “मेरी चर्चा करने वाले राजनीति में छाए रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बिहार सरकार और इन्होंने जो भी निकम्मापन दिखाया है, उसे ढंकने के लिए मेरा नाम उछाला जा रहा है। वह अपने काम के बारे में तो बताएंगे नहीं, बस सिर्फ लालू परिवार को लेकर हर वक्त चर्चा में रहना चाहते हैं।” आचार्य ने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया था, तो पत्रकार ने टोका, “आप सुशील मोदी (बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम) का नाम नहीं ले रही हैं? वह बोलीं- वह नाम लेने लायक नहीं हैं। मेरी नजर में गिर चुके हैं। अपना निक्कमापन छुपाने कि लिए मुझे बुलाया जा रहा है। क्यों बुलाया जा रहा है?” तेजस्वी द्वारा अपने सरकारी आवास में कोविड केंद्र खोलने का पत्रकार ने आगे जिक्र किया तो आचार्य ने कहा- बस यही बात है। खुद तो उन्होंने कुछ किया नहीं। भाई जब काम कर के दिखा रहा है, तब ये नाम लोग हमारा नाम उछाल रहे हैं। तेजस्वी उस केंद्र को खुद नहीं चला रहे हैं। उन्होंने उसे सिर्फ तैयार किया है। जनता के लिए वह अपना बंगला दे रहा है, तब इन्हें मिर्ची क्यों लग रही है। वह तो सरकार से ही कह रहा है कि आप चलाएं इसे।
यह पूछे जाने पर कि सुशील मोदी का मुंह तोड़ने वाला और उन्हें भगोड़ा बताने वाला बयान क्यों दिया था? उन्होंने दो टूक कहा- बाढ़ (बिहार) के दौरान कौन भागा था? भागे हुए आदमी को क्या बोलेंगे? जब रोजा रखने वाली बात आई, तब…वह मेरे अभिभावक तो है नहीं…इसमें भी इन्हें मिर्ची लगती है। धोखा तो ये खुद देते हैं। हर बार मेरे परिवार पर जुबानी हमले करते हैं। मैं क्या राजनीतिक पद पर हूं? मैं तो बिहार की बेटी हूं। मैं दुनिया के किसी भी कोने में रहूंगी आवाज बुलंद करूंगी। मैं इनकी तरह गूंगी, अंधी और बहरी नहीं बैठी हूं।
सुशील मोदी द्वारा इस मसले में टि्वटर से शिकायत को लेकर उन्होंने कहा- यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। पहली बार तो उन्होंने कुछ किया है। बहुत बड़ा तो अचीवमेंट है। मैं इसके लिए ताली भी बजा रही हूं। पहली बार कुछ तो काम किया। यही फुर्ती उन्हें अस्प्ताल, ऑक्सीजन और एंबुलेंस की किल्लत पर दिखानी चाहिए थी। वह तब तो कुंभकरणी नींद सोए थे। आज जब इनके परिवार के बारे में जहां कुछ बोला गया, तो तुरंत ये जाग गए और आ गए ब्लॉक कराने (टि्वटर अकाउंट)।
भाई, मां-पिता और अन्य बहनों को अपना प्रेरणास्त्रोत बताया। सुशील मोदी को लेकर इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर उन्होंने आगे कहा- मुंह बंद कर के कितना भी रहो, पर ये लोग सिर पर बैठकर नाच रहे थे। बोलना तो पड़ेगा। क्यों नहीं बोलेंगे? कोई भी आकर नत्थू-खैरा कुछ भी बोलकर चला जाएगा क्या, मैं क्यों चुप रहूं? आप (विपक्षियों) लोग मेरी बहनों का नाम क्यों लेते हैं? वे सियासत में तो नहीं हैं न। मेरे मां-बाप और भाई का नाम लो। जितना मुंह गंदा करना है कर लो, दुनिया देख रही है, पर निजी हमला करने का कोई अधिकार नहीं है। हम उनके गुलाम नहीं है।
“लालू और परिवार को लेकर सुशील मोदी तो काफी पहले से लिख रहे हैं?”, इस प्रश्न पर RJD नेता की बेटी ने कहा, “अरे, उनका तो खाना-पीना और गुजारा ही लालू चालीसा से शुरू होता है। जहां जिस दिन बंद कर देंगे, रोड पर आ जाएंगे। फिर से कपड़ा बेचने लगेंगे। लालू का नाम लेकर ही इनकी राजनीति चमकी है।” बता दें कि सुशील मोदी ने पूछा था कि तेजस्वी के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डॉक्टर हैं। कोरोना काल में उनकी सेवाएं क्यों नहीं ली गईं? इस पर रोहिणी बुरी तरह झल्ला गईं और उन्होंने ठेठ बिहारी अंदाज में सोशल मीडिया पर उन्हें खूब-खरी खोटी सुना दी थी।