Lalu Prasad Yadav: बिहार में बुधवार, 24 अगस्त को सीबीआई ने चार राजद नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी कर सियासी हलचल मचा दी। वहीं इन कार्रवाई के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। बता दें कि 2015 के एक मामले में हाजीपुर सिविल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को बरी कर दिया है।

क्या था मामला:

बिहार 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान लालू यादव के खिलाफ गंगाब्रिज थाना में आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया था। शिकायत में कहा गया था कि लालू प्रसाद यादव ने 27 सितंबर 2015 को गंगाब्रिज थाना क्षेत्र के तेरसिया गांव में विधानसभा चुनाव के लिए एक चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग किया था। इस मामले में 24 अगस्त 2022 को हाजीपुर सिविल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में लालू यादव को बरी कर दिया है। गौरतलब है कि यह केस राघोपुर के सीओ निरंजन कुमार ने दर्ज कराई थी।

बता दें कि लालू यादव कोर्ट में पेश हुए थे और अपने आप को बेकसूर बताया। पेशी के दौरान लालू यादव के समर्थक भारी संख्या में कोर्ट परिसर में मौजूद रहे। वहीं कोर्ट परिसर के बाहर समर्थकों ने लालू राबड़ी जिंदाबाद के नारे लगाए। बरी होने के बाद लालू यादव कोर्ट से सीधे पटना के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की।

बिहार में सीबीआई की ताबड़तोड़ छापेमारी:

बुधवार को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने राजद सांसद अशफाक करीम, राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद और राजद एमएलसी सुनील सिंह और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी जॉब के बदले जमीन मामले में हुई। इसको लेकर महागठबंधन के विधायकों ने आरोप लगाया कि जदयू के भाजपा के साथ एनडीए गठबंधन से अलग होने के चलते भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है।

इस रेड को लेकर राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि यह कहना बेकार है कि यह ईडी या आईटी या सीबीआई की छापेमारी है, यह भारतीय जनता पार्टी की छापेमारी है।