Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) जन सुराज यात्रा (Jan Suraaj) के तहत पदयात्रा कर रहे हैं। उन्होंने बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला और बताया कि बिहार की जनता किन चार बातों पर वोट देती है। उन्होंने कहा कि लोग 5 साल बैठकर राज्य में सड़कों, अस्पतालों की स्थिति और भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हैं और जब वोट डालना होता है तो इन बातों को भूलकर जाति और धर्म पर दे देते हैं।

Prashant Kishor ने बताया इन 4 बातों पर वोट करती है बिहार की जनता

उन्होंने कहा, “वोट के दिन बिहार में सारे आदमियों को चार ही बातें याद रहती हैं, जाति क्या है और मेरी जाति का कौन उम्मीदवार खड़ा है। उसको जाकर वोट दे दें। जो लोग जाति से बच गए वो धर्म के नाम पर, हिंदू-मुसलमान के नाम पर वोट देते हैं। पूरे गांव-देहात में लोग हल्ला करके बता रहे हैं कि सारे हिंदू एक हो जाओ मुसलमान नहीं दिखना चाहिए, पाकिस्तान को सबक सिखाना है। सब आदमियों ने जाकर भाजपा को वोट दे दिया। जो जाति और धर्म से बच गया वो कह रहा है कि भईया इतना खराब है कि क्या करें? रोजगार नहीं, सड़क नहीं, खेत में पानी नहीं, लेकिन लालू जी का जो अपराध वाला जंगलराज नहीं चाहिए। लालू जी का जंगलराज आ जाएगा तो फिर अपराध बढ़ जाएगा इसलिए अच्छा है या खराब भाजपा को ही वोट दीजिए। किसी को वोट दीजिए लालू नहीं जीतने चाहिए। लालू जी के जंगलराज के डर से आप वोट कर रहे हैं। चौथा वर्ग है हमारे मुसलमान भाईयों का है, ये लोग कह रहे हैं भईया भाजपा को तो वोट नहीं दे सकते। ये तो मुसलमान विरोधी हैं। हम लोग भाजपा को दे नहीं सकते हैं, तो लालू जी की लालटेन को ही वोट दे दो।”

अस्पताल और शिक्षा के लिए वोट नहीं कर रहे, तो कैसे सुधरेगा बिहार? प्रशांत ने पूछा

उन्होंने कहा, “5 बरस बैठकर हम लोग बिहार की हालत पर बात करते हैं। बिहार में कितना भ्रष्टाचार है, शिक्षा नहीं है, हर साल बाढ़ आती है, रोड खराब है, अस्पताल नहीं है, ये सारी तकलीफों पर हम बात करते हैं। लेकिन जिस दिन वोट होता है। उस दिन ये सारी बात भूल जाते हैं।”

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि यही चार चीजें हैं जिस पर बिहार की जनता वोट करती है। आप बताईए जब आप सड़क पर वोट नहीं कर रहे हैं। अस्पताल और अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए वोट नहीं कर रहे हैं, तो कैसे सुधरेगा बिहार?

नीतीश कुमार को लेकर कही ये बात

प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “बिहार में दो ही दल हैं। एक मोदी जी की भाजपा और लालू जी की लालटेन। नीतीश कुमार का तो कोई भरोसा ही नहीं है। कभी लालटेन पकड़कर लटकेंगे, कभी कमल पकड़ कर तैर रहे हैं। जनता परेशान है।”