बिहार की राजनीति में तेजी से सियासी समीकरण बदल रहे हैं। एक तरफ राजद अपने कुनबे को मजबूत करने के लिए चिराग पासवान को साथ लाने की कवायद करता नजर आ रहा है तो दूसरी तरफ जेडीयू ने पिछले विधानसभा चुनावों में बागी रहे मंजीत सिंह की शनिवार को पार्टी में घर वापसी करा दी है, मंजीत सिंह की वापसी से भारतीय जनता पार्टी में नाराजगी देखी जा रही है। इसके उलट जेडीयू ने न सिर्फ वापसी कराई बल्कि प्रदेश उपाध्यक्ष जैसी अहम जिम्मेदारी भी दी है। इस तरह की सियासी चहलकदमी के बाद सूबे की राजनीति में सुगबुगाहटों को बढ़ा दिया है।
मंजीत सिंह की वापसी और बीजेपी की नाराजगी: 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में मंजीत सिंह ने गोपालगंज की बैकुंठपुर सीट से निर्दलीय ताल ठोकी थी, जिसका परिणाम ये हुआ कि बीजेपी के खाते में आने वाले मतों में सेंध लग गई और यह सीट सरक कर राजद के खाते में चली गई।
अब मंजीत सिंह की ससम्मान वापसी कराई गई है, शनिवार को उनकी पार्टी वापसी के कार्यक्रम में जेडीयू के दिग्गज नेता पहुंचे थे। सांसद राजीव रंजन और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने खुद अपने हाथों से उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई, इसके अलावा उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष का अहम पद भी दिया गया है। वापसी के मौके पर मंजीत सिंह ने कहा नीतीश कुमार उनके सियासी पिता हैं।
बीजेपी नेताओं में JDU के इस कदम से नाराजगी है। बैकुंठपुर सीट से भाजपा के प्रत्याशी रहे मिथिलेश तिवारी ने कहा कि जेडीयू का यह फैसला गठबंधन धर्म के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जदयू चाहे जो करे लेकिन भाजपा ने गठबंधन धर्म को निभाते हुए 74 सीट आने के बावजूद नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया। बीजेपी ने तय किया था कि एनडीए उम्मीदवारों के हार के कारण बने बागियों को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस शख्स ने फेसबुक पर तेज रफ्तार तेजस्वी सरकार लिखकर फोटो लगाया था, उसे जेडीयू में शामिल करना समझ से परे है।
लालू का संदेश लेकर चिराग के पास पहुंचे श्याम रजक: वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव की तरफ से चिराग पासवान को महागठबंधन में मिलाने की कोशिशें तेज होती दिखाई दे रही हैं। शनिवार को RJD के महासचिव श्याम रजक, चिराग पासवान के पास लालू यादव और मीसा भारती का संदेश लेकर पहुंचे। जानकारों का मानना है कि श्याम ने उनसे मिलकर बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन को हटाने के लिए खुलकर आगे आने का निमंत्रण दिया।
गौर हो कि पशुपति पारस के पलट जाने के बाद से लोजपा दो खेमों में बंट गई है। इस विषय को लेकर चिराग पासवान भाजपा से भी खासे नाराज हैं।