कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच विवाद सुलझता नहीं दिख रहा। हालांकि, इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम जारी है। विपक्ष की कई पार्टियां किसानों के समर्थन की बात करते हुए धरना प्रदर्शन से लेकर मानव शृंखला बनाने तक की बात कह चुकी हैं। इनमें बिहार का मुख्य विपक्षी दल राजद भी शामिल है। हालांकि, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद की इस हरकत को नौटंकी बताया है। इस बीच सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मोदी के इस बयान के लिए उन्हें घेर लिया।

क्या कहा सुशील मोदी ने?: सुशील मोदी ने रविवार को ही अपने बयान की एक कटिंग सोशल मीडिया पर शेयर की। दरअसल, उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा था कि बिहार के किसानों ने पंजाब-हरियाणा के किसान आंदोलन का कभी समर्थन नहीं किया। इसलिए विपक्ष का भारत बंद फ्लॉप रहा। इसके बाद भी राजद का इस मुद्दे को तूल देना और मानव शृंखला बनाने की तैयारी करना सिर्फ नाटक होगा।

मोदी ने आगे कहा था, “तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार के सकारात्मक रुख और दो साल के लिए इन कानूनों का क्रियान्वयन रोकने सहित छह महत्वपूर्ण संशोधन की पेशकश के बावजूद किसान नेताओं का अड़ियल रवैया अत्यंत दुखद है।”

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने किया हमला: सुशील मोदी की ओर से किसान आंदोलन पर ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उन पर जमकर निशाना साधा। निशांत तिवारी नाम के एक यूजर ने कहा, “छोटे मोई जी, कभी दीया देखे हैं जी ? उसके पिछवाड़े हमेशा अंधेरा होता है। यही हाल आपका है। अपने राज्य के हालात तो संभाले नहीं जाते थे पहले। बस अपना पीआर बढ़िया रखकर खुद अखबार में एक कोना छेक कर उसी को ट्वीटर पर चेप देते हो।”

एक अन्य यूजर विवेक यादव ने कहा, “अच्छा! तो इसी को नौटंकी कहते हैं ? पटना शहर जब डूब रहा था, और आप हाफ पैंट में अपने आवास से सड़क तक जो परेड किये थे, हम उसको नौटंकी समझ बैठे थे। नासमझी के लिये गुस्ताखी माफ हो हुजूर!” यूजर उपेंद्र पासवान ने कहा, “भारत के सबसे बड़ा नौटंकी का केंद्र आरएसएस मुख्यालय है जहां आप जैसे को नौटंकी करने की ट्रेनिंग दी जाती है।

अंबानी, आडाणी का चापलूसी करना बंद करो।” एक अन्य यूजर ने कहा, “नौटंकी शब्द का इस्तेमाल करना बिहार कि जनता का अपमान है। आपको माफी मांगनी चाहिए। इसका मतलब आपने जब मानव श्रृंखला बनाई तब भी नौटंकी थी?