बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा, जद (एकी), हम सहित दूसरे बड़ी पार्टी से बागी होकर चुनावी मैदान में उतरे निर्दलीय उम्मीदवारों ने गठबंधनों की टिकट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की चमक फीकी कर दी। साल 2020 में बिहार के 243 विधानसभा में से करीब नौ विधानसभा ऐसी रही जहां निर्दलीय ने भाजपा या जद (एकी) के उम्मीदवार को तीसरे नंबर पर भेज दिया।
इन विधानसभा में राजग से कभी नेता रहे उम्मीदवार ही निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में थे। इस बार भी निवर्तमान विधानसभा के मौजूदा विधायक पवन यादव टिकट न मिलने पर कहलगांव सीट से निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा जद (एकी) से भी कई विधायक चुनावी मैदान में है। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर प्रदर्शन करने वाले मंडल भी शामिल हैं।
दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों ने बदल लिया पाला
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 के विधानसभा चुनाव में सिकता विधानसभा सीट से भाजपा के बागी रहे निर्दलीय उम्मीदवार दिलीप वर्मा ने जद (एकी) के उम्मीदवार फिरोज अहमद के लिए समस्या खड़ी की। इस सीट पर भाकपा माले से उम्मीदवार रहे बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता महज 2302 वोट से जीत गए। वहीं बिक्रम विधानसभा से भाजपा के बागी विधायक अनिल कुमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। वह दूसरे नंबर पर रहे और भाजपा उम्मीदवार अतुल कुमार तीसरे नंबर पर चले गए। इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार सिद्धार्थ सौरव 35,460 से जीते। हालांकि साल 2025 के चुनाव के लिए भाजपा ने कांग्रेस से विधायक रहे सिद्धार्थ सौरव को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने कभी भाजपा में विधायक रहे अनिल कुमार को मैदान में उतारा।
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ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर लोजपा से बागी होकर गोपाल कुमार अग्रवाल ने चुनाव लड़ा। इसमें जद(एकी) के नौशाद आलम को नुकसान हुआ और वह राजद के सउद आलम से 23,887 वोट से हार गए। कांति विधानसभा हम (एस) से बागी हुए अजीत कुमार ने चुनाव लड़ा और जद (एकी) मोहम्मद जमाल को नुकसान हुआ। इस चुनाव में राजद के मोहम्मद इसराइल मंसूरी 10,314 मत से जीत गए। मांझी विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार राणा प्रताप सिंह के कारण जद (एकी) माधवी कुमारी को नुकसान हुआ। इस सीट पर माकपा (माले) से सत्येन्द्र यादव 25,386 वोट से जीत गए। वहीं शाहपुर विधान सभा सीट पर भाजपा से उम्मीदवार रहे विशेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवी चुनावी मैदान में उतरी और भाजपा उम्मीदवार मुन्नी देवी को हार का सामना करना पड़ा।
इन नेताओं को भी हुआ नुकसान
तरारी विधानसभा में निर्दलीय नरेंद्र कुमार पांडे उर्फ सुनील पांडे ने भाजपा के लिए समस्या खड़ी की। इस सीट पर सीपीआई माले का उम्मीदवार जीत गए। इसके अलावा रफीगंज और नवादा सीट पर भी राजग के सहयोगी दल के बागी नेताओं के कारण उनके पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर सिखक गए थे।
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निर्दलीय उम्मीदवार के कारण राजद, कांग्रेस सहित दूसरे पार्टी के नेताओं को भी नुकसान हुआ। यदि निर्दलीय उम्मीदवार ने वोट न काटे होते तो यह जीत सकते थे। इन सीटों में रानीगंज से राजद के अविनाश मंगलम, प्राणपुर से कांग्रेस के तौकीर आलम, महिषी से राजद के गौतम कृष्ण, सिवान से भाजपा के ओम प्रकाश यादव, हाजीपुर से राजद के देव कुमार चौरसिया, बखरी से भाजपा के रामशंकर पासवान को नुकसान हुआ। वहीं लोजपा के कारण सिंहेश्वर, दरभंगा ग्रामीण, महाराजगंज, राजा पाकर सहित अन्य सीट पर जद(एकी) को हार का सामना करना पड़ा।
