मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियो से कहाकि लोक शिकायत निवारण सेवा (आरटीपीएस) का वृहत पैमाने पर प्रचार प्रसार कराए। ताकि लोगों को जानकारी हो और इसका आम लोग ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सके। इस काम में ढिलाई बरतने वाले 139 अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। इसमें लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं होगी। साथ ही विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण का मुद्दा भी उठा। वे गुरुवार को भागलपुर डिवीजन के भागलपुर व बांका ज़िले के विकास कामों की समीक्षा करने आए थे। उनके साथ प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ लालन सिंह मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह , पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर भी थे।

यों राजस्व मंत्री व बांका के विधायक रामनारायण मंडल , कहलगाँव के सदानंद सिंह , भागलपुर के विधायक अजित शर्मा समेत भागलपुर और बांका ज़िले के सभी विधायक , विधान परिषद सदस्य मौजूद थे। और सभी ने अपने अपने इलाके की समस्याओं को जोरदार तरीके से रखा। इन दोनों ज़िले के तमाम आलाधिकारी के अलावे सभी महकमा के प्रधान सचिव भी हाजिर थे। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री का स्वागत भागलपुर के आयुक्त राजेश कुमार ने किया।

वे आज सुबह 11.50 पर बायुयान से पहुंचे। भागलपुर हवाई अड्डे पर करीब 32 लाख रुपए की लागत से बने लांज का उदघाटन किया। और सीधे डीआरडीए भवन में समीक्षा बैठक में आ गए। जहां तकरीबन तीन घँटे तक डिवीजन में हो रहे कामों की विस्तार से चर्चा की और चल रही योजनाओं के हालात के बारे में जाना। वे यहां से दोपहर दो बजे पूर्णिया के लिए रवाना हो गए। वहां भी पूर्णिया डिवीजन के विकास कामों का जायजा मुख्यमंत्री को लेना है।

मुख्यमंत्री ने कहाकि बटेश्वर स्थान पंप नहर योजना का सबकुछ ठीकठाक रहा तो 15 फरवरी को उदघाट्न किया जा सकता है। ध्यान रहे बीते साल 20 सितंबर को इस नहर का उदघाटन होना था। मगर 19 सितंबर की शाम को ही नहर की दीवार ही टूट गई थी। और उदघाट्न टल गया था। इस पर 389.36 करोड़ रुपए खर्च हुए है। और इस योजना पर 1977 से काम चल रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय योजना पर भी काफी ध्यान से जानकारी ली। और काम तेजी से करने को कहा। बांका के पथरीले इलाके में पीने के पानी , सुलतांगज में जलाशय से सिंचाई की समस्या , मुंगेर से मिर्जाचौकी तक 96 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के काम की प्रगति , भागलपुर के आसपास सड़क पुलों और गंगा नदी पर एक और पुल निर्माण , स्मार्ट सिटी के तहत भागलपुर की कायापलट , ग्रामीण विद्युतीकरण , जर्जर तारों व बिजली पोलो और जले ट्रांसफार्मर बदलने जैसे मुद्दों पर खास गौर किया और काम में तेजी लाने की हिदायत दी।

कहलगांव के ऐतिहासिक विक्रमशिला विश्वविद्यालय के बगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुद्दा भी कहलगांव के विधायक सदानंद सिंह ने जोरदार तरीके से उठाया। इसकी स्थापना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। जिसके लिए 500 करोड़ रुपए दिए। पर शर्त यह थी कि बिहार सरकार 500 एकड़ जमीन उपलब्ध कराए। मगर दो साल गुजर जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। मुख्यमंत्री से वहां मौजूद डीएम आदेश तितमारे ने एक साथ इतनी जमीन मिलने में दिक्कत बताई। फिर भी उन्होंने जमीन कमोवेश का प्रस्ताव बना कर भेजने को कहा।

मुख्यमंत्री से भागलपुर में पीने के पानी की दिक्कत और पेन इंडिया द्वारा अशुद्ध पानी की आपूर्ति के खिलाफ नगर निगम के पार्षदों का समूह मिलना चाहता था। मगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बक्सर के नंदगांव में उनपर हुए हमले की वजह से यहां सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे।