बिहार सरकार ने बुधवार को विश्वकर्मा पूजा के मौके पर निर्माण श्रमिकों के लिए बड़ा तोहफा दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16.4 लाख पंजीकृत श्रमिकों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए 802 करोड़ रुपये भेजे। यह राशि “वार्षिक वस्त्र सहायता योजना” के अंतर्गत दी गई है, जिसके तहत पहले मिलने वाले 2,500 रुपये को बढ़ाकर अब 5,000 रुपये कर दिया गया है। इस कदम से श्रमिकों को आर्थिक सहारा मिलने के साथ सरकार की जनकल्याणकारी छवि भी मजबूत हुई है।

जो मजदूर छूट गए हैं, उनका भी पता लगाने का निर्देश

यह योजना वर्ष 2020 में “बिहार भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक नियमावली, 2016” के तहत शुरू की गई थी। श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने बताया कि इस बार राशि का वितरण विशेष रूप से विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के वंचित तबकों को मुख्यधारा से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है और श्रमिकों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में छूटे हुए श्रमिकों की पहचान कर उन्हें भी इस योजना से जोड़ा जाए।

बिहार में आकाश की पहली ‘अग्निपरीक्षा’, क्या बसपा को संजीवनी दे पाएंगे मायावती के भतीजे?

इसी मौके पर मुख्यमंत्री ने “मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना” के वेब पोर्टल की भी शुरुआत की। यह योजना युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में करीब 5,000 इंटर्नशिप अवसर देने की योजना है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं और उद्योगों के बीच एक सेतु तैयार किया जाएगा, जिससे उन्हें प्रायोगिक अनुभव, आर्थिक सहयोग और रोजगार की नई संभावनाएं मिलेंगी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य श्रमिकों और युवाओं दोनों को सशक्त बनाना है। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा की पूजा को श्रमिकों की मेहनत और योगदान के प्रतीक के रूप में याद किया। संयोग से इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी पड़ा। नीतीश ने सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री लगातार देश और जनता की सेवा में जुटे हैं और यह सुखद संयोग है कि आज ही श्रमिकों को यह आर्थिक सहायता दी जा रही है।

उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वकर्मा जयंती पर राजधानी रायपुर में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन में 1.84 लाख श्रमिकों के खातों में 65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डीबीटी से अंतरित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्रमिक समाज की रीढ़ हैं और उनके परिश्रम से विकसित छत्तीसगढ़ और भारत का सपना पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभ की जानकारी दी, जिनमें दीदी ई-रिक्शा योजना और मकान निर्माण सहायता राशि को 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख करना शामिल है। साथ ही श्रमिकों की मुफ्त स्वास्थ्य जांच और इलाज का खर्च अब श्रम विभाग वहन करेगा। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं दीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन पर बधाई दी।