Bihar New Cabinet: बिहार में आरजेडी और जेडीयू गठबंधन की नई सरकार ने 16 अगस्त 2022 को अपने कैबिनेट का विस्तार किया। नए मंत्रिमंडल के शपथ लेने के बाद ही राज्य के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, आरजेडी विधायक और अब कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज है। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था। आरोप है कि उन्होंने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया और 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
इस बीच चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर की एक रिपोर्ट का कहना है कि इस नई सरकार के 72 प्रतिशत मंत्री किसी न किसी आपराधिक मामले में आरोपी हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राघोपुर (वैशाली) से विधायक हैं। उन्होंने अपने 2020 के विधानसभा चुनाव के हलफनामे में अपने खिलाफ पेंडिंग 11 मामलों की घोषणा की है। के हाट पूर्णिया मामले में वह आईपीसी की धारा 324 (खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 302 (हत्या), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 341 के तहत आरोपी हैं। साथ ही उन पर आर्म्स एक्ट के प्रावधानों के तहत भी मुकदमा दर्ज है।
तेज प्रताप पर 5 केस दर्ज: तेजस्वी पर आईपीसी की धारा 420 (जालसाजी), 120बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई के मामले दर्ज हैं। उन पर मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत भी तीन मामले दर्ज हैं। तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव हसनपुर (समस्तीपुर) से राजद विधायक हैं। अपने चुनावी हलफनामे में तेजप्रताप ने पूर्णिया के के हाट पुलिस थाना मामले सहित पांच मामलों का जिक्र किया जो उनके खिलाफ पेंडिंग हैं। इनमें महामारी और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दो मामले शामिल हैं।
रामानन्द यादव, खान एवं भूविज्ञान मंत्री ने 2020 के चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ चार पेंडिंग मामलों का उल्लेख किया है। सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव के खिलाफ भी कई क्रिमिनल केस हैं। तेजस्वी यादव के बाद सुरेंद्र दूसरे ऐसे मंत्री हैं, जिनपर सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। हत्या का प्रयास, दूसरों की प्रॉपटी पर कब्जा करना, चुनाव को प्रभावित करने जैसे आरोप हैं। उन पर पॉक्सो एक्ट का भी केस चल रहा है। कला, संस्कृति और युवा मामलों के मंत्री जितेंद्र कुमार के चुनावी हलफनामे के अनुसार उन पर दो मामले दर्ज हैं। समस्तीपुर के उजियारपुर से राजद विधायक आलोक कुमार मेहता पर तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश सरकार के 23 मंत्रियों (72 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 17 मंत्री (53 प्रतिशत) ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित हैं। वहीं, दूसरी ओर आरजेडी ने इसे अपने नेताओं को बदनाम करने की ‘राजनीतिक साजिश’ बताया है।