इस साल बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन महागठबंधन में दरार के संकेत मिल रहे हैं। सीएम पद के दावेदार को लेकर अभी तक महागठबंधन में आम सहमति नहीं बन पायी है। अब हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के चीफ जीतनराम मांझी ने अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस को अल्टीमेटम दे दिया है। मांझी ने कहा है कि यदि उनकी मांगे 10 जुलाई तक नहीं मानी गई तो फिर वह 11 जुलाई को कोई फैसला लेंगे।
बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने हाल ही में कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मांझी ने कहा कि “कांग्रेस ने कहा है कि वह 10 जुलाई तक चीजों को सुलझा लेंगे। अब यह उनके फैसले पर निर्भर है। यदि वह मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं और हमारी मांग मानते हैं तो ठीक है वरना हम 11 जुलाई को अपना फैसला सुना देंगे।”
दरअसल जीतनराम मांझी की मांग है कि महागठबंधन में एक समन्वय समिति का गठन किया जाए, जिसमें अहम मुद्दों पर चर्चा हो सके। हालांकि चुनाव नजदीक हैं लेकिन अभी तक समन्वय समिति का गठन नहीं हो सका है। जिसके चलते मांझी नाराज बताए जा रहे हैं। जीतनराम मांझी ने अपनी कोर कमेटी की बैठक भी बुलायी है, जिसमें वह कोई अहम फैसला ले सकते हैं।
सीएम पद के दावेदार को लेकर भी महागठबंधन में अभी कोई एकराय नहीं है। गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को सीएम पद का दावेदार बताया जा रहा है। हालांकि महागठबंधन की अन्य पार्टियां हम, कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी इससे सहमत नहीं है। बीते दिनों इस मुद्दे पर जीतनराम मांझी ने कहा था कि तेजस्वी यादव राजद के सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं लेकिन महागठबंधन के लिए वह सीएम पद के दावेदार नहीं हो सकते। कांग्रेस भी पार्टी नेतृत्व से चर्चा के बाद ही सीएम पद के दावेदार की घोषणा करने की बात कह रही है।
रालोसपा ने भी अभी तक तेजस्वी यादव को बतौर सीएम दावेदार खुलकर स्वीकार नहीं किया है। वहीं दूसरी तरफ एनडीए में भी लोजपा और जदयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। लोजपा ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि वह भाजपा की सहयोगी पार्टी है किसी और की नहीं। दरअसल लोजपा नेता चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार से नाराज बताए जा रहे हैं। यही वजह है कि वह नीतीश सरकार के खिलाफ कई बार मुखर होकर बयानबाजी कर चुके हैं। हालांकि भाजपा द्वारा दावा किया जा रहा है कि राजग में सब कुछ ठीक है और सभी पार्टियां एकजुट हैं।