Bihar Assembly New MLAs: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद 243 सीटों वाले सदन में सत्ता पक्ष पिछली बार से ज्यादा विधायकों के साथ पहुंचने वाला है। नवनिर्वाचित 18वीं विधानसभा अपनी पूर्ववर्ती विधानसभा से ज़्यादा उम्रदराज़ और अमीर है। उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामों और एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स द्वारा संकलित आंकड़ों के विश्लेषण बताते हैं कि इस बार न केवल महिलाओं की संख्या ज़्यादा है बल्कि आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विधायकों की संख्या में कम हुई है।
खास बात यह है कि महिलाओं ने एनडीए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नई विधानसभा में महिलाओं की संख्या 29 हो गई है, इस चुनाव में महिलाओं ने रिकॉर्ड मतदान किया है। इस बाहर जीतीं 29 महिला उम्मीदवारों में से 26 एनडीए से और तीन आरजेडी से हैं। गौरतलब है कि महिला विधायकों की संख्या 2010 से लगातार घट रही है, जब 34 महिलाएं चुनी गई थीं। 2015 में यह संख्या घटकर 28 रह गई और 2020 में फिर घटकर 26 रह गई।
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मैथिली और छोटी कुमारी पर रही सभी की नजर
NDA को प्रचंड जीत दिलाने वाली BJP ने 13 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से 10 विजयी हुईं। जेडीयू ने भी 13 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से 10 विजयी रहीं। इनमें उल्लेखनीय हैं बीजेपी की मैथिली ठाकुर, जो एक भोजपुरी भक्ति गायिका हैं। उन्होंने आरजेडी नेता बिनोद मिश्रा के खिलाफ चुनाव जीता है। बिनोद ठाकुर अलीनगर के विधायक थे। छपरा में बीजेपी के छोटी कुमार ने आरजेडी के लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता और गायक शत्रुघ्न यादव को भी हराया।
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एनडीए की सहयोगी चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रालोद) की पांच में से तीन महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। वहीं आरएलएम की एकमात्र महिला उम्मीदवार, पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता, सासाराम से जीतीं हैं। जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हम (एस) की दोनों महिला उम्मीदवारों ने भी अपनी सीटें जीतीं। विपक्षी महागठबंधन में आरजेडी ने 24 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से तीन अब विधायक हैं। कांग्रेस ने पांच महिलाओं को, भाकपा (माले) एल और मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी ने एक-एक महिला को मैदान में उतारा था, लेकिन कोई भी जीत नहीं पाई।
आरजेडी ने 24 महिलाओं को उतारा
विपक्षी महागठबंधन में राजद ने 24 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से तीन अब विधायक हैं। कांग्रेस ने पांच महिलाओं को, भाकपा (माले) एल और मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी ने एक-एक महिला को मैदान में उतारा था, लेकिन कोई भी जीत नहीं पाई। प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज ने 25 महिलाओं को मैदान में उतारा था जबकि मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने 26 महिलाओं को मैदान में उतारा था। हालांकि, दोनों ही पार्टियों में से किसी भी महिला को जीत नहीं मिली।
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विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पुरुषों की तुलना में लगातार और काफ़ी कम रहने के बावजूद मतदाता भागीदारी के मामले में महिलाएं पुरुषों से आगे निकलने में कामयाब रही हैं। कुल मतदान 67.13% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ, लगातार चौथे विधानसभा चुनाव में महिलाओं का मतदान पुरुषों से ज़्यादा रहा, इस साल 71.78% मतदान हुआ और पुरुषों के 62.98% मतदान से 8.8 प्रतिशत अंक ज़्यादा रहा, जो अब तक का सबसे बड़ा अंतर है।
सबसे उम्रदराज विधायक जेडीयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव
111 विधायकों के दोबारा चुनाव जीतने के साथ ही विधानसभा अब थोड़ी उम्रदराज भी हो गई है। उसकी औसत आयु 53 वर्ष है, जबकि पिछली विधानसभा में यह 52 वर्ष थी। प्रमुख दलों में लोजपा (रामविलास) के विधायकों की औसत आयु 46 वर्ष है जबकि भाजपा और कांग्रेस के विधायकों की आयु 55 वर्ष है और वे सबसे वृद्ध हैं। सबसे कम उम्र की नवनिर्वाचित विधायक 25 वर्षीय भोजपुरी गायिका मैथिली ठाकुर हैं जिन्होंने BJP के टिकट पर अलीनगर से जीत हासिल की है।
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त्रिवेणीगंज से जदयू की 27 वर्षीय सोनम रानी, जो 30 वर्ष से कम उम्र की हैं, एक और विधायक हैं। सबसे बुजुर्ग विधायक जेडी(यू) के 79 वर्षीय बिजेंद्र प्रसाद यादव हैं, जो राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं और सुपौल से लगातार नौवीं बार चुनाव जीते हैं। 72 विधायक कम से कम 60 साल के हैं, जबकि केवल 33 विधायक 40 साल से कम उम्र के हैं।
इस बार कितने है करोड़पति
नए विधायकों की कुल संपत्ति भी अब दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है। पिछली विधानसभा के सदस्यों की औसत संपत्ति 4.32 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 9.02 करोड़ रुपये हो गई है। औसतन एक से ज़्यादा सीटें जीतने वाली पार्टियों में आरएलएम के 4 विधायक हैं, उसके उम्मीदवार सबसे अमीर हैं, जिनकी संपत्ति 22.94 करोड़ रुपये है।
एलजेपी (आरवी) के 19 विधायकों की औसत संपत्ति 13.67 करोड़ रुपये है, इसके बाद जेडी(यू) के 85 विधायकों की संपत्ति 9.54 करोड़ रुपये, बीजेपी के 89 विधायकों की संपत्ति 8.68 करोड़ रुपये, हम (एस) के 5 विधायकों की संपत्ति 6.17 करोड़ रुपये, आरजेडी के 25 विधायकों की संपत्ति 5.81 करोड़ रुपये, कांग्रेस के 6 विधायकों की संपत्ति 4.83 करोड़ रुपये, एआईएमआईएम के 5 विधायकों की संपत्ति 2.17 करोड़ रुपये और सीपीआई (एमएल) एल के 2 विधायकों की संपत्ति 1.47 करोड़ रुपये है।
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