Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर पहली बार मंगलवार को रामभक्तों के दर्शन के लिए खोला गया। पहले दिन श्रद्धालुओं की अटूट भीड़ देखने को मिली। देश के दूर-दराज कोने से आए रामभक्तों ने भगवान श्रीराम के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर परिसर जयश्रीराम, जय सियाराम के जयकारों से गूंजता रहा।

राम मंदिर में पहले दिन अभी तक कितने दर्शनार्थियों ने रामलला के दर्शन किए हैं। इसको लेकर यूपी की योगी सरकार का बड़ा बयान सामने आ गया है। यूपी सरकार के बयान के मुताबिक, पहले दिन अभी तक करीब 3 लाख रामभक्तों ने रामलला के दर्शन किए। वहीं सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने तीन स्तरीय सुरक्षा कवच बनाया है। अयोध्या मंदिर के इर्द-गिर्द आठ हजार के करीब सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

इंडियन आर्किटेक्चर के पोस्टर बॉय दीक्षु कुकरेजा नेरामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले उम्मीद जताई गई थी कि आने वाले वर्षों में प्रतिदिन तीन लाख से अधिक लोग अयोध्या आ सकते हैं। उन्होंने कहा था कि मंदिर शहर की योजना वेटिकन सिटी, कंबोडिया, येरुशलम सहित विदेशों में इसी तरह के उदाहरणों के अध्ययन के बाद बनाई गई है। जैसे भारत में तिरूपति और अमृतसर को शामलि किया जा सकता है।

कुकरेजा ने कहा था कि अयोध्या को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, विरासत संपत्तियों और घटनाओं पर ध्यान देने के साथ एक वैश्विक पर्यटन स्थल बनने की उम्मीद है, क्योंकि आतिथ्य और संबद्ध उद्योगों में महत्वपूर्ण मांग के साथ शहर के कई गुना बढ़ने की संभावना है। कुकरेजा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि शहर को पर्यटन, आर्थिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए एक मेगा केंद्र के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है। अगले तीन-चार वर्षों के भीतर प्रतिदिन तीन लाख से अधिक भक्तों के अयोध्या आने की उम्मीद है।”

कुकरेजा ने कहा कि बढ़ती आबादी और पर्यटन की जरूरतों को समायोजित करने के लिए, हमने सड़कों, पुलों, सीवेज सिस्टम और उपयोगिताओं जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे को डिजाइन किया, जबकि यह सुनिश्चित किया कि ये विकास शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चरित्र से समझौता न करें। हमने एक डिजाइन तैयार करने पर काम किया कि टाउनशिप के लिए लेआउट जो कुशल भूमि उपयोग को बढ़ावा देता है, भीड़भाड़ को कम करता है और निवासियों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाता है।

कुकरेजा इससे पहले दिल्ली में एयरोसिटी और द्वारका में “यशोभूमि” – इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (आईआईसीसी) को डिजाइन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने जरूरतों को समझने और आकर्षित करने के लिए दुनिया भर के साथ-साथ भारत में मौजूदा मंदिर शहरों का अध्ययन किया।