राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने बुधवार को प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर निशाना साधा। उन्होंने वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के साथ मिलीभगत के आरोपों को खारिज करने के बाद उनका मजाक उड़ाया। भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने पिछले हफ्ते अशोक गहलोत के साथ मिलीभगत के आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया था। पूर्व सीएम राजे ने कहा था कि दूध और नींबू का रस एक साथ नहीं चल सकता।

बीकानेर की अपनी यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछली भाजपा सरकार की योजनाओं को नहीं रोका और यहां तक ​​कि अपनी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को भी आगे बढ़ाया। अशोक गहलोत ने कहा, “हम उनकी योजनाओं को नहीं रोकते हैं, लेकिन हमारी (पूर्व कांग्रेस सरकार की) योजनाओं को पूर्व सरकार (भाजपा सरकार) ने रोक दिया था और यही दूध और नींबू के बीच का अंतर है।”

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के विभिन्न कार्यों, योजनाओं और कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सत्ता में वापसी का भरोसा जताया। बता दें कि वसुंधरा राजे ने पिछले हफ्ते कहा था कि साजिश के तहत झूठ फैलाया जा रहा है। उन्होंने श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ शहर में जम्भेश्वर मंदिर (Jambheshwar temple) की यात्रा के दौरान पूछा था, “क्या दूध और नींबू का रस कभी मिल सकता है?”

इस महीने की शुरुआत में सचिन पायलट ने कहा था कि वह वसुंधरा राजे के कार्यकाल से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई न होने से काफी चिंतित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस धारणा को तोड़ने के लिए कि गहलोत और राजे के बीच मिलीभगत है, सरकार को जरूरत है उन भ्रष्टाचार के मामलों में निर्णायक रूप से कार्य करे।

शुरू में चुप रहने के बाद वसुंधरा राजे ने सचिन पायलट पर अप्रत्यक्ष रूप से तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “झूठ की उम्र लंबी नहीं होती और सच अमर होता है। सत्य अंततः बाहर आता है। आजकल कुछ लोग इसी झूठ को बढ़ावा दे रहे हैं कि वो तो मिले हुए हैं। जिनके साथ सिद्धांत मेल नहीं खाते, विचारधारा मेल नहीं खाती, जो अपमानजनक आरोप लगाते हैं, उनके साथ मन कैसे जुड़ सकता है? क्या दूध और नींबू का रस मिला सकते हैं? जब ऐसी चीजें सामने आती हैं, तो सोचना चाहिए।”