राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने एक बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं। अशोक गहलोत ने कहा था कि निर्भया केस के बाद कानून बन गया कि दोषी होने पर फांसी की सजा मिलेगी, इसके बाद से हत्या काफी बढ़ गईं। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म करने वाला देखता है कि लड़की तो गवाह बन जाएगी मेरे खिलाफ, इसलिए बच्चियों का रेप भी करते हैं और हत्या भी कर देते हैं। गहलोत के इस बयान पर भाजपा ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अशोक गहलोत के बयान को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत का ये बयान कांग्रेस का माइंडसेट दर्शाता है। वे दोषियों को सजा देने के बजाय कानून को ही दोष दे रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वे चाहते हैं कि दुष्कर्म के अपराधियों के लिए कड़े कानून नहीं होने चाहिए।

शहजाद पूनावाला ने इस बयान को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि इस तरह की घटनाओं में अक्सर राजनीति करने वाली प्रियंका गांधी, राजस्थान के सीएम के बयान पर क्यों चुप क्यों हैं।

निर्भया की मां ने सीएम के बयान को बताया शर्मनाक

गहलोत के बयान पर निर्भया की मां आशा देवी की प्रतिक्रिया भी आई है, जिन्होंने राजस्थान के सीएम के बयान को शर्मनाक बताया है। आशा देवी ने कहा, “यह बहुत ही शर्मनाक बयान है, यह पीड़ादायक है, खासकर उन परिवारों और लड़कियों के लिए जो इस तरह के जघन्य अपराधों का शिकार हुई हैं। उन्होंने (सीएम गहलोत) ने निर्भया का मजाक उड़ाया है।”

बयान पर घिरे तो क्या बोले गहलोत

वहीं, अपने बयान को लेकर विवाद बढ़ने पर गहलोत ने सफाई दी है। राजस्थान के सीएम ने कहा, “मैंने केवल सच कहा। जब भी कोई रेपिस्ट किसी बच्ची का रेप करता है तो पहचाने जाने के डर से उसकी हत्या कर देता है। इतनी मौतें पहले कभी नहीं हुई।”

स्वाति मालीवाल ने गहलोत पर साधा निशाना

इसके पहले, अशोक गहलोत के बयान की दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी आलोचना की। स्वाति मालीवाल ने कहा कि अशोक गहलोत को बलात्कारियों की भाषा बोलना बंद करना चाहिए। उन्होंने निर्भया जो मजाक उड़ाया है उससे कहीं न कहीं देश की दुष्कर्म पीड़िताओं का हौसला टूटा है। उन्होंने कहा, “हमने अनशन करके, बहुत मेहनत करके कानून बनवाया है कि छोटी बच्चियों के साथ रेप करने वालों को हर हाल में फांसी की सजा होनी चाहिए। उन्हें इस कानून का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए, जिससे रेपिस्ट के अंदर डर बैठे, न कि फालतू की बयानबाजी करनी चाहिए।”