अरुणाचल प्रदेश में पीपीए सरकार में शामिल होने के भाजपा के विकल्प को खुला रखते हुए नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक हिमंता बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भविष्य की कार्रवाई तय करेगी। सरमा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस हफ्ते कालीकट में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया जाएगा कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता वाली पीपीए सरकार को बाहर से समर्थन जारी रखा जाए या सरकार में शामिल हुआ जाए।
असम के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री सरमा रविवार सुबह यहां पहुंचे और उन्होंने पीपुल्स पार्टी आॅफ अरुणाचल (पीपीए) के 43 विधायकों, 11 भाजपा विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों के साथ संयुक्त विधायक दल की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि भाजपा और पीपीए के बीच उचित समन्वय पर बातचीत हुई जिसमें फैसला किया गया कि भाजपा दो निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार को बाहर से समर्थन देगी। सरमा ने कहा कि पीपीपी चूंकि भाजपा और पूर्वोत्तर के अन्य क्षेत्रीय दलों के संघ नेडा का गठबंधन साझेदार है, इसलिए अरुणाचल प्रदेश में सरकार को नेडा सरकार के नाम से जाना जाएगा। 16 सितंबर को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात में उन्हें खांडू की नेडा में शामिल होने की इच्छा के बारे में बताया था और पार्टी अध्यक्ष ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खांडू राजनीतिक प्लेटफॉर्म के एक संरक्षक होंगे। पूर्वोत्तर को ‘कांग्रेस मुक्त’ बनाने के उद्देश्य से गुवाहाटी में 24 मई को नेडा का गठन किया गया था।
इस बीच, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने रविवार को 26 विधायकों को अपनी सरकार के सुगम कामकाज में मदद के लिए संसदीय सचिव नियुक्त किया। खांडू ने नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक हिमंता बिस्व सरमा की मौजूदगी में यहां एक सादे समारोह में नए संसदीय सचिवों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पहली बार राज्य में इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया है। नए संसदीय सचिवों में से छह पूर्व मंत्री हैं जिनमें पी खिमहुम, गोजेन गडी, जरकार गामलिन, फुरपा शेरिंग, थांगवांग वांघम और थिरांग एबॉ हैं। संसदीय सचिवों को जल्द ही विभाग सौंपे जाएंगे।