Bihar Chief Minister Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कोशिश के लिए सोमवार (5 अगस्त, 2022) से तीन दिनों के लिए दिल्ली दौरे पर हैं। यहां वो अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करें। सियासी अटकलों के बीच नीतीश कुमार की नजरें प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पर हैं।
जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि नीतीश कुमार पांच सितंबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगे और दो दिन बाद लौटेंगे। इस दौरान वो आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
नीतीश ने जब पिछले महीने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। तब वो सोनिया और राहुल गांधी के संपर्क में थे। जदयू का मानना है कि वह बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने के बाद अब राष्ट्रीय भूमिका निभाएं। नीतीश कुमार से जब दिल्ली दौरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यहां हमलोग सात दल एक साथ हैं जिनमें से चार वहां हैं। उन लोगों से मिलेंगे। बाकी अन्य लोगों से भी बात करेंगे। इस दौरान नीतीश कुमार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात करेंगे।
विपक्षी दल एक साथ आएं तो बीजेपी को भारी नुकसान होगा: नीतीश
बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वह गैर-भाजपा विपक्षी दलों के बीच पूर्ण एकता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दल एक साथ चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है, और हम भारी जीत हासिल कर सकते हैं।’
वहीं जदयू महासचिव के सी त्यागी ने तीन दिनों के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सत्र के बाद कहा था कि मैं स्पष्ट रूप से घोषणा करता हूं कि नीतीश कुमार 2024 के चुनावों के लिए पीएम उम्मीदवार नहीं हैं।’
नीतीश के दिल्ली दौरे को लेकर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, ‘नीतीश दिल्ली में विपक्षी एकता के लिए काम करेंगे। 38 फीसदी वोट बीजेपी के खिलाफ है। अगर 62 फीसदी एक हो गए तो 75 फीसदी से ज्यादा हो जाएंगे।’
बीजेपी हिंदू-मुस्लिम करके देश पर राज करना चाहती: नीतीश कुमार
वहीं रविवार को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम नीतीश भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि जब तक हमारी पार्टी है। इन लोगों (बीजेपी) से किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। बीजेपी देश में हिंदू-मुस्लिम को बांटकर राज करना चाहती है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी आरएसएस की बात नहीं मानी। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार के मंत्री जब किसी कार्यक्रम में जाते थे, वे उनका नाम लेते थे, लेकिन अब यह नाम लेना भी भूल गए।
