Akhilesh vs Subrat: यूपी की कन्नौज सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुब्रत पाठक और छह बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पूरा मामला सदर कोतवाली इलाके का है। यहां मंडी चौकी प्रभारी ने बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक पर मारपीट का आरोप लगाया था। जिसके बाद कन्नौज कोतवाली में भाजपा सांसद के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

भाजपा सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते करते हुए निशाना साधा है। सपा मुखिया ने लिखा, “आज की ताजा खबर। पुलिस वालों ने की कन्नौज के भाजपा सासंद सुब्रत पाठक के ऊपर एफआईआर…जनता पूछ रही है कब होंगे गिरफ़्तार? इन भाजपाइयों से बचने के लिए पुलिस क्या बुलडोज़र के पीछे छुपकर अपनी जान बचाए।’

अखिलेश के ट्वीट पर सुब्रत पाठक ने दिया जवाब

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट पर भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने पलटवार किया है। सुब्रत पाठक ने कहा, ‘अखिलेश यादव को अपना पुराना वक्त याद करना चाहिए कि वे किस तरह गुंडागर्दी कराते थे। साथ ही गुंडों का समर्थन करते थे। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद से बड़ा कोई उदाहरण हो ही नहीं सकता, इसलिए अखिलेश यादव इस पर न बोले तो ही अच्छा है।’

जानिए क्या है पूरा मामला-

सुब्रत पाठक पर मंडी समिति चौकी में घुसकर पुलिसकर्मियों से मारपीट का आरोप है। मंडी समिति चौकी इंचार्ज हाकिम सिंह ने तहरीर में लिखा है, ‘बीत रात को मैं अपनी टीम के साथ गश्त पर था। उसी दौरान उन्नाव की औरास पुलिस अपहरण के मामले में दबिश देने आई। टाइगर जिम से पांच युवकों को पकड़कर अपहृत युवक को बरामद कर उन्नाव लेकर जा रही थी।

हाकिम सिंह ने बताया, ‘वायरलेस से सूचना मिली कि उन्नाव की टीम की मदद करे। संदेश मिलते ही मैं उप निरीक्षक सुभाष के साथ घटनास्थल पर पहुंचा। औरास पुलिस ने पांच आरोपियों को पकड़ रखा था। इसी दौरान मौके पर चौकी इंचार्ज सरायमीरा तरुण सिंह सिपाही लवि के साथ आए। उन्नाव पुलिस की टीम के साथ सभी आरोपियों को चौकी मंडी समिति लाया गया। इसके बाद ही उसे छुड़ाने चौकी पहुंचे सुब्रत पाठक और भाजपा कार्यकर्ताओं ने मारपीट की।’

अखिलेश यादव के ट्वीट पर यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया-

अखिलेश यादव के ट्वीट पर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सुधीर मिश्रा नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘आखिर आपने मान ही लिया कि योगी सरकार में सत्ता का दबाव पुलिस पर नहीं है। यूपी में कानून का राज है और निष्पक्ष कार्रवाई होती है। सपा सरकार में पुलिस पर सत्ता का दबाव होता था। दबाव इतना था कि अतीक अहमद जैसे खूंखार माफिया बलात्कार, हत्या, करने के बाद भी खुला घूमते थे।’

ब्रांड अनुज नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘सपा सरकार में तो सपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष पर भी मुकदमा दर्ज नहीं हो पाता था, क्योंकि थाने में समाजवादी गुंडों का आतंक इतना हुआ करता था यह भाजपा सरकार में ही संभव है कि सांसद पर भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई हो। सपा सरकार में तो मुकदमा तो दूर उल्टा पुलिस पर ही कार्रवाई हो जाती।