सेना भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में सर्वाधिक बवाल हुआ है। हिंसक प्रदर्शनों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि लोग जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रहे हैं।

उन्होंने रविवार (19 जून, 2022) को एक ट्वीट कर कहा, “अग्निपथ योजना पर आंदोलन होना चाहिए, हिंसा और तोड़फोड़ नहीं। बिहार की जनता जेडीयू और बीजेपी के आपसी तनातनी का ख़ामियाज़ा भुगत रही है। बिहार जल रहा है और दोनों दल के नेता मामले को सुलझाने के बजाए एक दूसरे पर छींटाकशी और आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त हैं।”

इस बीच, सुबह तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इस दौरान केंद्र के सामने 20 सवालों की एक लिस्ट रखी। साथ ही दो टूक पूछा- क्या यह मनरेगा जैसा रोजगार है? युवाओं के साथ खिलवाड़ न किया जाए। सरकार बिना सोचे-समझे योजना ले आती है। क्या योजना लाने से पहले विशेषज्ञों से राय ली गई थी? कहीं यह सेना में ठेकेदारी प्रथा की शुरुआत तो नहीं। हिंसा के लिए पूरी तरह से वही जिम्मेदार है।

बकौल तेजस्वी, “पीएम मोदी इस पूरे मसले पर चुप हैं। वह क्यों नहीं जवाब देते हैं? उन्हें इस बारे में जवाब देना चाहिए।” दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान वह बोले- केंद्र बताए कि चार साल के लिए बहाल होने वाले युवकों को नियमित रूप से सेना में भर्ती होने वाले युवकों की ही तरह नियमित छुट्टी मिलेगी? इस योजना में सिर्फ सैनिक को चार साल के लिए क्यों रखा जा रहा बड़े अफसर को भी रखा जाए।

उन्होंने पूछा- क्या ये योजना शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा है? या RSS का हिडेन एजेंडा है। वन रैंक वन पेंशन के बजाय नो रैंक नो पेंशन लाया गया। अगर BJP को ठेकेदारी प्रथा इतनी पसंद है तो BJP के मंत्री अपने बच्चों को सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिलवा दें।

Agnipath Scheme Protest LIVE

इस बीच, यूपी की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने नौजवानों से संयम बरतने की अपील की। साथ ही केंद्र सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जब मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश की विशाल आबादी, खासकर युवा वर्ग गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, तनाव आदि के अग्निपथ पर हर दिन बिना थके-हारे संघर्ष करने को मजबूर हैं, तब ऐसे में उन्हें केंद्र की अल्पावधि ‘अग्निपथ’ सैन्य भर्ती योजना ने काफी निराश और हताश किया है।’’


उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे, सेना एवं अर्धसैनिक बल आदि में भर्ती की संख्या एवं संभावना को केंद्र द्वारा अति-सीमित करने का ही परिणाम है कि खासकर ग्रामीण परिवेश के नौजवान काफी असहाय एवं ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं तथा अपने भविष्य को अंधकार में पाकर उनका आक्रोश उबाल पर है औेर स्थिति को उचित तरीके से संभालना जरूरी है।’’

बसपा प्रमुख ने केंद्र सरकार के अनुरोध किया कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तथा देश की सुरक्षा से संबंधित ऐसे अहम मामलों में संसद को विश्वास में जरूर ले। उन्होंने नौजवानों से भी संयम बरतने की अपील की।

दरअसल, सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ नाम दिया गया है।