राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य, लघु जल संसाधन मंत्री तेज प्रताप यादव ने नशीले पदार्थों के खिलाफ जोरदार अभियान शुरू करते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार से रजनीगंधा और तुलसी जर्दा को बंद कराने की मांग की है। उन्होंने कि शराब के साथ-साथ सभी तरह के नशीले पदार्थों पर रोक लगाई जानी चाहिए। कहा कि रजनीगंधा, तुलसी जैसा हानिकारक गुटखा पर देशभर में प्रतिबंध लगे। इससे मुंह का कैंसर होता है।

बुधवार को पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होंने बताया कि अंबेडकर जयंती के दिन से वह और जनशक्ति परिषद के सभी नौजवान इसके खिलाफ जोरदार मुहिम चलाएंगे और इसे बंद कराकर रहेंगे। उन्होंने बताया कि वह पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार को भी पत्र लिखेंगे और इस पर हर हाल में रोक लगवाने की मांग करेंगे।

पत्रकारों ने जब उन्हें बताया कि तुलसी में तो जीरो परसेंट निकोटीन होती है तो उन्होंने पत्रकार से पूछा कि क्या आपकी पत्नी इसे खाती हैं? कहा कि वह नहीं खाएंगी क्योंकि उन्हें पता है कि इससे मुंह का कैंसर होता है और यह हानिकारक पदार्थ है। कहा कि सिर्फ यही नहीं, जितने भी तरह के नशीले पदार्थ हैं, उन्हें बंद किया जाए।

उन्होंने बताया कि एक युवक का विवाह हो रहा था। मंडप में दुल्हन आई और लड़के को गुटखा खाते देख लिया। इससे उसने विवाह करने से इंकार कर दिया। उन्होंने पत्रकारों के सामने ही रजनीगंधा और तुलसी जर्दा के नए पैक को फेंक दिया। कहा कि इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने सलाह दी कि इसकी जगह मीठा पान, लौंग, इलायची जैसी अच्छी चीजों काे खाना चाहिए। वह अच्छी चीज है और शुभ कार्यों में भी प्रयोग किया जाता है।

उन्होंने दो दिन पहले राम नवमी पर एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा, “नीतीश चचा जी ये दारू बंदी बहुत हुई…अब जरा रजनीगंधा तुलसी भी बंद करवाये ..कही आप भी तो मुँह में रजनीगंधा और कदमो में दुनिया वाली बात पर यकीन नही कर रहे। मुहिम- बंद करो रजनीगंधा तुलसी।”

कहा कि सीएम नीतीश कुमार जिस तरह शराब को बंद करा रहे हैं उसी तरह से हानिकारक पदार्थ रजनीगंधा और तुलसी पर भी रोक लगाएं। कहा इससे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचता है।