भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल और उनके परिवार के चार लोगों सहित 11 अन्य के खिलाफ कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 203 करोड़ रुपए जमा करने के लिए एक नया मामला दायर किया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एसीबी ने गुरुवार को प्राथमिकी दायर की, जिसमें भुजबल के अलावा उनकी पत्नी मीना, बेटे पंकज, बहू विशाखा और भतीजे समीर को भी आरोपी बताया गया है।

उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में दो चार्टर्ड अकाउंटेंंट सुनील नाइक और चंद्रशेखर सरदा, हवाला कारोबारी सुरेश जजोदिया, भुजबल की कंपनियों के निदेशक प्रवीण कुमार जैन और जगदीश प्रसाद पुरोहित, वित्तीय सलाहकार संजीव जैन और स्नेहल कोओपरेटिव लिमिटेड के मुख्य प्रबंधन निदेशक कपिल पुरी को भी आरोपी बनाया गया है।

एसीबी को भुजबल के खिलाफ दो मामलों- केंद्रीय पुस्तकालय भूमि घोटाले और महाराष्ट्र सदन घोटाले – में धोखाधड़ी, जालसाजी एवं भ्रष्टाचार के कथित अपराधों की जांच के दौरान ‘गैरकानूनी तरीके से अर्जित की गई संपत्ति का पता चला जिसके बाद ताजा प्राथमिकी दायर की गई।
अधिकारी ने कहा कि एसीबी ने भुजबल के घरों और कार्यालयों की तलाशी ली थी और वहां से बरामद हुए दस्तावेजों से पता चला कि उनके पास मुंबई, मुंबई और पुणे के उपनगरों, लोनावला और नासिक में कई जगहों पर संपत्तियां हैं।

पुलिस ने बताया कि जांचकर्ताओं के अनुसार भुजबल ने पंकज, समीर और नाइक के साथ मिलकर धनशोधन के लिए फर्जी कंपनियां खोली थीं।