महाराष्ट्र में मंदिर खोलने के हाहाकार के चलते टीवी चैनलों की डिबेट में भी सियासी हलचल बढ़ गई है और भाजपा प्रवक्ता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है। इसी बीच भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आजतक के डिबेट शो ‘दंगल’ के दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा और उन्हें भेदभाव करने वाला बताते हुए कहा कि वे हिंदुओं की भावनाएं आहत कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘कहा कि अगर मंदिर खोल दिए गए तो सोनिया सेना की सरकार कि जाएगी। क्योंकि तथाकथित पंथनिरपेक्ष की जो ताकतें हैं, वो समर्थन लौटा लेंगी। वैसे भी देखिए इन्हें हिंदुओं से डर लगता है। पालघर में साधु मारे जाते है तो ये चुप्पी साध लेते है। ये इनकी पंथनिरपेक्षता है। यही लोग ईद के दौरान चिल्ला रहे थे कि नमाज हो जाएगी तो किसका क्या बिगड़ जाएगा।’
भाजपा प्रवक्ता ने दावा करते हुए कहा कि कोरोना फैलने का शराब के ठेकों पर ज्यादा रिस्क है। ऐसा शोध में भी सामने आया है। रेस्तरां में कोरोना फैलने का ज्यादा रिस्क है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए, मास्क पहनते हुए, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाए तो धार्मिक स्थल ज्यादा सुरक्षित हैं।
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दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने पूरे प्रदेश में बार, बाजार, रेस्तरां सहित विभिन्न गतिविधियों को बहाल करने की अनुमति दे दी है लेकिन मंदिरों पर अब भी ताला है। सरकार के इस फैसले पर विपक्षी तल भाजपा ने नाराजगी जताई है और कई जगह विरोध प्रदर्शन भी किया। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था और राज्य में तब से ही पूजा स्थल बंद हैं।
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धार्मिक स्थल बंद रखने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी प्रदेश प्रमुख को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कोश्यारी ने कहा कि उन्हें प्रतिनिधिमंडलों से तीन प्रतिवेदन मिले हैं जिनमें धर्मस्थलों को खोले जाने की मांग की गई है। उन्होंने पत्र मे लिखा है कि क्या आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए?
इधर शिवेसना ने राज्यपाल पर पलटवार किया है। पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ‘कोश्यारी राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं। उन्हें यह देखना है कि राज्य में शासन संविधान के अनुसार चल रहा है या नहीं। बाकी बातों के लिए लोगों द्वारा निर्वाचित सरकार है। वह निर्णय लेती है।’
शिवसेना नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में लोगों द्वारा निर्वाचित सरकार, मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद है जो कोविड-19 संकट पर गौर करके यह तय करेगी कि राज्य में पाबंदियों में कैसे ढील दी जाए। राज्यपाल द्वारा मुख्मयंत्री से यह सवाल करने पर कि क्या वह धर्मनिरपेक्ष हो गये हैं, राउत ने कहा कि क्या कोश्यारी धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं।