यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले राजनैतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। वहीं पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के जिला सहारनपुर में भाजपा के स्‍थानीय विधायक के बहिष्‍कार को लेकर पंचायत की गई। जिसमें भाजपा नेता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस पंचायत में ग्रामीणों ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्‍यमंत्रीय योगी आदित्‍यनाथ पसंद हैं, लेकिन इस बार के आने वाले चुनाव में मौजूदा विधायक का बहिष्‍कार किया जाएगा। ग्रामीणों ने इस पंचायत के दौरान ही भाजपा विधायक बृजेश सिंह मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और कसम खाई कि आने वाले चुनाव में वोट नहीं देंगे।

दरअसल में सहारनपुर के देवबंद के गांव रणखंड़ी के लोगों का आरोप है कि ग्रामीणों को बरगलाकर मौजूदा विधायक बृजेश सिंह ने वोट तो ले लिया, पर गांव व क्षेत्र के विकास के लिए कोई भी काम नहीं किया। ऐसे में लोगों ने फैसला लिया है कि अगर मौजूदा विधायक को बीजेपी ने फिर से टिकट दिया तो आने वाले चुनाव में ग्रामीण उन्‍हें वोट नहीं देंगे। उनका कहना है कि अगर भाजपा किसी सक्षम नेता को चुनाव में उतारती है, तो अवश्‍य ग्रामीण इसके बारे में सोच सकते हैं।

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गांव के लोग मोदी योगी के फैन
बीते गुरुवार को हुई बैठक में रणखंडी गांव के लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया था। इनका कहना है कि इस गांव के लोग मोदी और योगी के फैन है, पर इस देवबंद के क्षेत्र में अगर बृजेश सिंह को टिकट दिया गया तो भाजपा का बहिष्‍कार होगा। उनका कहना है कि न सिर्फ इस गांव में बल्‍कि अन्‍य क्षेत्र में भी बृजेश सिंह ने कोई भी काम नहीं किया है। इससे अन्‍य गांव के भी नाराज हैं।

गांव में लगा था नो एंट्री का बोर्ड
बता दें कि इस गांव के लोगों का भाजपा विधायक के खिलाफ यह विरोध नया नहीं है, इससे पहले भी बृजेश सिंह का विरोध किया जा चुका है। उस समय में भी विधायक के खिलाफ पंचायत की गई थी। इतना ही नहीं इनके विरोध में ‘गांव में प्रवेश वर्जित है’ का बोर्ड भी लगा दिया गया था। अब एक बार फिर इनके खिलाफ विरोध जारी हो गया है।

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किसान आंदोलन का असर
बता दें कि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर के अलावा पूरे पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन का असर देखा जा रहा है। यहां किसान व ग्रामीण भाजपा के विरोध में हैं, जिस कारण से यहां ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा को आने वाले चुनाव में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यह भी माना जाता है कि इन क्षेत्र में भाकियू के समर्थक अधिक संख्‍या में रहते हैं और भाकियू इस बार भाजपा के खिलाफ दिख रही है। ऐसे में यहां से भाजपा का चुनाव जितना चुनौतियों से कम नहीं होगा।