भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की कार्यकारणी बैठक के पहले दिन अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति के बारे में बताया। इसमें पार्टी के डवलपमेंट एजेंडा, अखिलेश सरकार की नाकामियों पर निशाना (विशेषकर कानून एवं व्यस्था को लेकर) और हिंदुत्व पर लचिला रुख अपनाने की बात कही गई है। वहीं पिछली राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक की तरह पीएम मोदी ने इसमें भी डवलपमेंट एजेंडे पर फोकस किया। मोदी ने नेताओं से कहा है कि वे सरकार की गरीबों और आम लोगों से जुड़ी योचनाओं को सोशल मीडिया और मॉडर्न तकनीक के जरिए फैलाएं।

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शाह ने पश्चिम यूपी के शामली जिले के कैराना में हिंदू परिवार कें गांव छोड़ने के कथित मामले पर भी ‘गंभीर चिंता’ जाहिर की। साथ ही उन्होंने केरल और बंगाल में भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा की इन राज्यों की यूनिटों को पार्टी का पूरा सपोर्ट मिलेगा।

शाह के भाषण के बारे में मीडिया को बता रहे केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद से जब मथुरा हिंसा और कैराना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यूपी का विकास है। इन मामलों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। विवादित राम मंदिर के मुद्दे प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने अपनी बैठक में इसके बारे में चर्चा नहीं की और ना ही यह इलेक्शन का मुद्दा है। यह विश्वास का मामला है।