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पूर्वोत्तर भारत, भारत का वह क्षेत्र है जहां विविधता सिर्फ संस्कृति और भाषा में ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक यात्राओं में भी दिखाई देती है। भारत की आजादी के बाद इस क्षेत्र के हर राज्य ने अलग-अलग समय और परिस्थितियों में भारतीय संघ का हिस्सा बनकर अपनी पहचान बनाई। यही कारण है कि पूर्वोत्तर भारत की एकता ‘एक समयरेखा’ नहीं, बल्कि ‘कई ऐतिहासिक यात्राओं’ से बनी है। पूर्वोत्तर भारत में कुल आठ राज्य शामिल हैं- असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम। इन्हें ‘सेवन सिस्टर्स’ और एक ‘ब्रदर स्टेट’ (सिक्किम) के नाम से भी जाना जाता है। चलिए जानते हैं उत्तरपूर्व भारत के राज्यों की स्वतंत्रता और राज्य स्थापना की ऐतिहासिक यात्रा के बारे में। (Photo Source: Pexels)
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असम (Assam) – 1947
असम पूर्वोत्तर भारत का सबसे पुराना और ऐतिहासिक राज्य है। 1947 में भारत की आजादी के साथ ही असम भारतीय संघ का हिस्सा बना। ब्रिटिश शासन के दौरान असम एक बड़ा प्रांत था, जिसमें आज के कई पूर्वोत्तर राज्य शामिल थे। शिलांग उस समय असम की राजधानी हुआ करती थी। बाद में राज्यों के पुनर्गठन के बाद असम का आकार छोटा हुआ और राजधानी को गुवाहाटी के दिसपुर में स्थानांतरित किया गया। (Photo Source: Pexels) -
नागालैंड (Nagaland) – 1 दिसंबर 1963
नागालैंड भारत का 16वां राज्य बना। यह क्षेत्र पहले असम का हिस्सा था, लेकिन नागा जनजातियों की विशिष्ट पहचान और लंबे राजनीतिक आंदोलनों के बाद 1 दिसंबर 1963 को नागालैंड को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। यह पूर्वोत्तर भारत का पहला राज्य था, जो आजादी के बाद अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। (Photo Source: Pexels) -
मेघालय (Meghalaya) – 21 जनवरी 1972
मेघालय पहले असम का ही हिस्सा था और इसे ‘असम के भीतर एक स्वायत्त राज्य’ का दर्जा प्राप्त था। 21 जनवरी 1972 को मेघालय को पूर्ण राज्य बनाया गया। शिलांग, जो कभी असम की राजधानी थी, बाद में मेघालय की राजधानी बनी। मेघालय को ‘मेघों का घर’ कहा जाता है और यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। (Photo Source: Pexels) -
मणिपुर (Manipur) – 21 जनवरी 1972
मणिपुर एक समय स्वतंत्र रियासत था। 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ, जिसके बाद 1956 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। लंबे समय तक चले राजनीतिक विकास के बाद 21 जनवरी 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। मणिपुर की संस्कृति, नृत्य और खेलों में विशेष पहचान है। (Photo Source: Pexels) -
त्रिपुरा (Tripura) – 21 जनवरी 1972
त्रिपुरा भी एक रियासत थी, जिस पर महाराजा का शासन था। 1949 में त्रिपुरा भारत में शामिल हुआ और 1956 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। मणिपुर और मेघालय के साथ ही 21 जनवरी 1972 को त्रिपुरा को भी पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। (Photo Source: Pexels) -
सिक्किम (Sikkim) – 16 मई 1975
सिक्किम का इतिहास अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से अलग है। यह लंबे समय तक एक स्वतंत्र राजशाही रहा। 1975 में जनमत संग्रह के बाद सिक्किम भारत में विलय हुआ और 16 मई 1975 को भारत का 22वां राज्य बना। बाद में 2002 में इसे आधिकारिक रूप से पूर्वोत्तर परिषद (North Eastern Council) का आठवां सदस्य राज्य घोषित किया गया। (Photo Source: Pexels) -
मिजोरम (Mizoram) – 20 फरवरी 1987
मिजोरम पहले असम का ही एक हिस्सा था, जिसे लुशाई हिल्स कहा जाता था। काफी समय तक चले राजनीतिक आंदोलनों और शांति समझौते के बाद 20 फरवरी 1987 को मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। मिजोरम अपनी शांतिप्रिय संस्कृति और उच्च साक्षरता दर के लिए जाना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) – 20 फरवरी 1987
अरुणाचल प्रदेश को पहले नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) कहा जाता था। यह क्षेत्र लंबे समय तक केंद्र शासित रहा और बाद में असम से अलग किया गया। 20 फरवरी 1987 को अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। यह भारत का सबसे पूर्वी राज्य है, जहां सबसे पहले सूरज उगता है। (Photo Source: Pexels)
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