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जब हम भारत में रेलवे के इतिहास की बात करते हैं, तो हमें अक्सर अंग्रेज इंजीनियरों और कंपनियों की भूमिका याद आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में रेलवे लाइन निर्माण में योगदान देने वाली पहली महिला कौन थीं?
(Photo Source: @indian_railways_lovers/instagram) -
आपको बता दें, एलिस ट्रेडवेल (Alice Tredwell), एक अंग्रेज महिला, ने इस क्षेत्र में इतिहास रच दिया था। उन्होंने 1863 में मुंबई-पुणे रेलवे लाइन का निर्माण पूरा किया और भारतीय रेलवे निर्माण में अपनी अमिट छाप छोड़ी। (Photo by Alice Tredwell)
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19वीं शताब्दी के मध्य में, जब महिलाओं के लिए किसी भी निर्माण कार्य में शामिल होना दुर्लभ था, तब एलिस ट्रेडवेल ने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से मुंबई-पुणे रेलवे लाइन का निर्माण कर इतिहास रच दिया। (Photo by Alice Tredwell)
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एलिस ट्रेडवेल कौन थीं?
एलिस ट्रेडवेल का जन्म 1823 में लीक, स्टैफोर्डशायर (Leek, Staffordshire), इंग्लैंड में हुआ था। उनका विवाह 1846 में सोलोमन ट्रेडवेल (Solomon Tredwell) से हुआ, जो एक रेलवे ठेकेदार थे। 1859 में, जब ब्रिटिश सरकार ने भोर घाट खंड के निर्माण का ठेका दिया, तब एलिस और उनके पति सोलोमन भारत आए। (Photo by Alice Tredwell) -
कैसे बनीं पहली महिला रेलवे ठेकेदार?
दुर्भाग्यवश, भारत आने के कुछ ही समय बाद सोलोमन ट्रेडवेल की मृत्यु डायरिया या हैजा से हो गई। जिसके बाद एलिस पर अपने पति का अधूरा काम पूरा करने की जिम्मेदारी आ गई। उन्होंने असाधारण धैर्य, नेतृत्व और निर्णय क्षमता का परिचय दिया और इस चुनौती को स्वीकार किया। (Photo by Alice Tredwell) -
एलिस ने स्वेंस्टन एडमसन (Swainston Adamson) और जॉर्ज लुईस क्लॉउजर (George Louis Clowser) नामक रेलवे इंजीनियरों की सहायता से निर्माण कार्य को पूरा किया। (Photo by Alice Tredwell)
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भोर घाट रेलवे लाइन: एक कठिन परियोजना
भोर घाट खंड मुंबई और पुणे के बीच स्थित खंडाला और पलसदरी (Khandala to Palasdari) के बीच की पहाड़ी रेल लाइन थी। इस स्थान पर रेलवे ट्रैक बनाना बेहद कठिन था क्योंकि यह एक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र था। (Photo by Alice Tredwell) -
रेलवे लाइन के लिए पहाड़ों को काटना पड़ा, जो उस समय के औजारों और तकनीक के साथ बहुत मुश्किल था। भयंकर जलवायु परिस्थितियों और बीमारियों के कारण कई मजदूरों की मृत्यु भी हो गई। यह एक अत्यंत जोखिम भरा प्रोजेक्ट था, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। (Photo by Alice Tredwell)
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इस परियोजना में हजारों मजदूरों ने काम किया और यह एक मानव संसाधनों और तकनीकी चुनौतियों से भरा निर्माण कार्य था। आखिर में, 1863 में इस रेलवे लाइन का कार्य पूरा हुआ और भारतीय रेलवे के इतिहास में यह एक बड़ी उपलब्धि बनी। (Photo by Alice Tredwell)
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एलिस ट्रेडवेल: एक महिला, कई भूमिकाएं
रेलवे ठेकेदार होने के साथ-साथ एलिस ट्रेडवेल एक फोटोग्राफर भी थीं। उन्होंने भोर घाट के कठिन भौगोलिक इलाकों और रेलवे निर्माण के महत्वपूर्ण पड़ावों को कैमरे में कैद किया, जो उस समय की तकनीकी और मानव श्रम की कठिनाइयों को दर्शाती हैं। (Photo by Alice Tredwell) -
एलिस ट्रेडवेल का जीवन और विरासत
एलिस 1860 में इंग्लैंड लौट गईं, जहां उन्हें अपने पति से £70,000 की संपत्ति विरासत में मिली। उनकी एकमात्र जीवित बेटी एलिस मार्था एलिजाबेथ का विवाह 1866 में हुआ। 14 जून 1867 को राइड, आइल ऑफ वाइट (Ryde, Isle of Wight) में एलिस ट्रेडवेल का निधन हो गया। (Photo by Alice Tredwell)
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