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यूपी चुनाव नजदीक आते ही सपा (SP), बसपा (BSP) और भाजपा (BJP) एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तेज कर देते हैं। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) योगी (Yogi) सरकार की ‘बी’ टीम की बात करते हैं तो कभी मायावती (Mayawati) अखिलेश यादव के वाई फैक्टर का जिक्र करती हैं। वहीं, बसपा और भाजपा एम फैक्टर पर भी अखिलेश यादव पर कटाक्ष करती रहती हैं।
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यूपी की प्रमुख पार्टियों में सपा, भाजपा, बसपा और कांग्रेस सक्रिय हैं।
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राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा यूपी की कई छोटी पार्टियां भी यूपी के चुनाव के रुख को प्रभावित करती हैं। इसमें अपना दल, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक, प्रगतिशील समाजवादी जैसे कई पार्टियां शामिल हैं।
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बात जब भी दूसरी पार्टियां करती हैं तो उनके साथ वाई और एम फैक्टर को जरूर जोड़ा जाता है।
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अखिलेश की जब बात होती हैं तो वाई का मतलब यादव और एम का मतलब मुस्लिम वोट बैंक होता है।
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राजनीतिक दलों की अघोषित सहायक पार्टियों को बी पार्टी से संबोधित किया जाता है।
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बता दें कि चुनावी रैलियों में पार्टियों के गठबंधन को अब मिलावट और महामिलावट तक की संज्ञा दी जाने लगी है। Photos Social Media